Home मछली पालन Fish Farming: इस तरह मछली पालन में आने वाले फीड के खर्च को कई फीसदी तक करें कम, पढ़ें तरीका
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Fish Farming: इस तरह मछली पालन में आने वाले फीड के खर्च को कई फीसदी तक करें कम, पढ़ें तरीका

मछली में कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो पूरे मछली के बिजनेस को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
तालाब में पाली गई मछली की तस्वीर.

नई दिल्ली. फिश फार्मिंग ऐसा काम है, जिसमें 60 से 70 फीसदी खर्च फीड पर होता है. वहीं अन्य खर्च भी इसमें शामिल है, जिसमें तालाब का मेंटेनेंस, मछलियों की दवा आदि. अगर आप मछली पालक हैं तो फीड के खर्च को कई फीसदी तक कम कर सकते हैं और इससे आपको फायदा ज्यादा मिलेगा. आप इस बात को पढ़कर ये जरूर जानना चाहेंगे कि आखिर ये कैसे संभव है. बता दें कि जैसे आपने मांसाहारी प्रजातियों की मछलियों को पाला है तो उनके साथ बत्तख को पाल सकते हैं. बत्तख के बीट को भी मछलियां अपने फीड के तौर पर इस्तेमाल कर लेती हैं और इससे उनकी ग्रोथ भी अच्छी होती है.

फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि पोल्ट्री फार्म से मुर्गे-मुर्गियों की बीट लाकर तालाब में डाली जा सकती है, जो बेहद कम कीमत पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है. इसे मछलियां बड़े ही चाव से खाती हैं और उनकी ग्रोथ भी बढ़ती है.

तालाब के किनारे लगाएं धान की फसल
अगर आपका तालाब धान के खेत या आबादी के पास है तो मछलियों को मच्छर समेत उनका लार्वा आसानी से मिल जाता है. यही वजह है कि बहुत से किसान तालाब किनारे धान जैसी फसलों को लगाते हैं. इससे मछलियों को उनकी खुराक मिल जाती है. वहीं धान की फसल को तालाब का पानी. इससे फसल में भी अतिरिक्त पानी पर आने वाला खर्च बच जाता है. जबकि फीड का खर्च भी बचता है. इससे मछली पालन में फायदा बढ़ जाता है. वहीं अन्य फसलें भी आप लगा सकते हैं.

इस तरह भी खर्च को कर सकते हैं कम
अगर आप ग्रामीण इलाकों में मछली पालन करते हैं तो तालाब किनारे भैंस को भी पाला जा सकते है. जब आप भैंस को तालाब में उतारते हैं तो भैंस को राहत मिलती है. वहीं जब भैंस तालाब में उतरती है तो उसके गोबर तालाब में ही रह जाते हैं. जिसको मछलियां अपनी खुराक बना लेती हैं. इस तरह से भी फीड के खर्चे को कम किया जा सकता है. आप इस बात को गांठ बनाकर रख लें कि जितना फीड पर खर्च कम होगा, उतना ज्यादा मुनाफा आपको मछली पालन में बढ़ता चला जाएगा.

स्लाटर हाउस का वेस्ट भी करें इस्तेमाल
बहुत से मछली पालक मछलियों को दाने के तौर पर चावल और सरसों की खल यानि मस्टर्ड केक देते हैं. इसके अलावा बाजार में कई तरह के फीड उपलब्ध हैं, जिसको देकर मछलियों की ग्रोथ बढ़ाई जाती है. ब्रीड के हिसाब से कुछ लोग पोल्ट्री फार्म की बीट भी मछलियों को देते हैं. अगर मछली मांगुर या उस जैसी ब्रीड की है तो स्लॉटर हाउस से निकले वेस्ट को भी मिलाकर फीड बनाया जा सकता है. ये फायदेमंद होता है.

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