नई दिल्ली. भारत में मछली पालन एक बेहतरीन काम है और इसमें बहुत ज्यादा संभावनाएं भी हैं. इस बात को संयुक्त अरब अमीरात यूएई का शाही परिवार भी शायद समझ चुका है. तभी तो इस शाही परिवार ने उन्नाव में मत्स्य पालन में बड़ा निवेश करने का फैसला किया है. यूएई के शाही परिवार के सदस्य और एक्वॉब्रिज होल्डिंग्स के अध्यक्ष शेख अहमद बिन मना बिन खलीफा अल मकतूम ने इस जिले में 4000 करोड़ रुपए की निवेश की मंशा जाहिर की है और इसको लेकर मंजूरी भी दे दी है. गौरतलब है कि इससे पहले दुबई में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शेख मखतूम को राज्य सरकार की ओर से पूरे सहयोग का आश्वासन दिया था और यूपी में आने का की दावत दी थी. इसके बाद से यह निवेश आया है.
उन्नाव इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में होने वाले इस इन्वेस्टमेंट से राज्य में मछली पालन सेक्टर को नई दिशा मिलने की बात कही जा रही है. एक्सपर्ट का कहना है कि अब मछली पालन में उत्तर प्रदेश एक हब बनकर उबरेगा. जिससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और लोगों को इससे सीधी तौर पर फायदा मिलेगा.
सेक्टर में कहां होगा निवेश
गौरतलब है कि शाही परिवार की होल्डिंग कंपनी इस रकम का निवेश फिश प्रोसेसिंग प्लांट, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और फिश फीड प्लांट में करेगी. यह पूरा प्रोजेक्ट अप एग्रीज प्रोजेक्ट का हिस्सा होगा. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इस बड़े प्रोजेक्ट को यूपी में लाने के लिए विश्व बैंक ने भी अहम भूमिका निभाई है. क्योंकि ऐसे ही एक प्रोजेक्ट पर विश्व बैंक और शाही परिवार मॉरीशस में साथ में काम कर रहे हैं.
दुबई की यात्रा पर गए थे मुख्य सचिव
वहीं पिछले दिनों मुख्य सचिव ने दुबई यात्रा की थी. तब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय निवेश रणनीति साझेदारी और एक्वाकल्चर परिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में भी काम किया था. जहां उन्होंने दुबई स्थित वॉटरफ्रंट मार्केट के आधुनिक मॉडल को भी देखा था. ऐसा ही मॉडल ड्यूटी मेंबर्स उत्पादन विपणन के लिए विकसित करने की बात उन्होंने कही है. ये मार्केट उत्पादकों और खरीदारों को गुणवत्तापूर्ण उत्पादन और बेहतर मूल्य दिलाता है.
10 हजार मछली पालकों को मिलेगी ट्रेनिंग
कहा जा रहा है कि समझौते का एक टारगेट यह भी है कि 10 हजार मत्स्य पालकों को अत्याधुनिक तकनीक की ट्रेनिंग से सुसज्जित किया जाए. अभी यूपी और बिहार में मत्स्यपालकों के पास मछली के 40 फीसदी बच्चे अवैध रूप से बांग्लादेश से आते हैं लेकिन अब यूपी मछली पालन का बड़ा हब बनाकर उभरेगा, जिससे दूसरी जगह से बच्चे लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्नाव में निवेश को अंतिम रूप देने से पहले शाही पारिवार की कंपनी के विशेषज्ञों ने उन्नाव में पानी का परीक्षण भी किया था. जब पूरी तरह से संतुष्ट हो गए उसके बाद ही निवेश किया है.
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