नई दिल्ली. जब कोई भी काम किया जाता है तो उसकी पूरी जानकारी करना बेहद ही जरूरी होता है. इसी तरीके से मछली पालन की पूरी जानकारी भी करना बेहद ही जरूरी है. तभी इससे फायदा मिलता है. जैसे तालाब में मछलियों का बीज सही मात्रा में डालना बेहद ही जरूरी होता है. क्योंकि इसका तार मछलियों के उत्पादन से जुड़ा होता है. अगर सही मात्रा में मछलियों का बीज तालाब में डाला जाए तो इससे उत्पादन बेहतर मिलता है, नहीं तो उत्पादन में कमी हो सकती है और इससे मछली पालन के काम में मछली पालक भाइयों को नुकसान भी हो सकता है.
एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर कोई मछली पालक भाई ज्यादा बीज का इस्तेमाल तालाब में करते हैं तो इससे मछलियों की ग्रोथ रुक जाती है. जबकि तालाब में ऑक्सीजन की कमी भी हो जाती है. इससे मछलियों में मोटिलिटी दिखाई दे सकती है. यदि आप यह सोच रहे हैं कि 20 हजार मछलियों के बच्चे तालाब में डाल देंगे तो इससे आपको ज्यादा उत्पादन मिलेगा तो आप गलत सोच रहे हैं. क्योंकि इससे आपको नुकसान ही होगा, फायदा नहीं.
बीमारी कम होगी, मुनाफा ज्यादा मिलेगा
अगर आप ज्यादा संख्या में मछलियों के बीज को डालते हैं तो सभी मछलियों को सही से खाना नहीं मिलता है. उनकी ग्रोथ रुक जाती है. वहीं उनमें बीमारी फैलने का खतरा भी रहता है. इसलिए सही मात्रा का ध्यान रखना जरूरी होता है. यदि आप एक एकड़ के तालाब में आईएमसी मछलियों का पालन कर रहे हैं तो चार हजार से लेकर पांच हजार बीज तालाब के अंदर डाल सकते हैं और यही सबसे सही संख्या भी है. इससे मछलियां तेजी से ग्रोथ करेंगी. उनमें बीमारियां कम होंगी और आपको अच्छा मुनाफा भी मिलेगा.
चूना का भी इस्तेमाल तालाब में करें
वहीं इसके साथ इस बात का भी ध्यान रखना है कि तालाब में चूने का इस्तेमाल सही मात्रा में किया जाए. क्योंकि यह पानी का पीएच लेवल मेंटेन रखना है. हर महीने खास करके प्लैंकटन बनाने से तीन दिन पहले तालाब के अंदर चूने का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. ताकि प्लैंकटन तेजी से बढ़ सके. आपको बता दें कि एक एकड़ के तालाब में 25 से 30 किलो चूना पानी के अंदर घोलकर डालना चाहिए. इससे तालाब के अंदर मौजूद गंदे कीटाणु खत्म हो जाते हैं और मछलियां बीमारियों से बची रहती हैं. साथ ही चूना मछलियों के लिए कैल्शियम का अच्छा सोर्स भी होता है. जिससे मछलियों की ग्रोथ भी होती है.
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