नई दिल्ली. यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे कि मछलियों को भी ठंड लगती है. हमेशा पानी में रहने वाली मछलियां दिसंबर और जनवरी में ठंड की वजह से परेशान रहती हैं. जब मछलियों को ठंड लगती है तो इसका पता ऐसे चलता है कि वह अपनी जगह बदल देती हैं. पानी की सतह और बीच में रहने वाली मछलियां अक्सर निचली तली में चली जाती हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि दिसंबर से जनवरी तक मछलियों को ज्यादा ठंड लगती है. ऐसे में उन्हें ठंड से बचने के लिए गर्म पानी से नहलाया जाता है.
गर्म पानी से नहलाना पड़ता है
मछलियों को सर्दियों से बचने के लिए मछली पलक को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. ठंड दूर कर करने के लगातार उपाय करने पड़ते हैं. खासतौर पर सुबह के वक्त मछलियों को गर्म जमीन से निकले ताजा पानी से नहलाया जाता है. नदी, समुद्र और झील का पानी चलता हुआ होता है. इसलिए दिसंबर जनवरी में भी इसका सामान्य रहता है. इसी पानी में मछली भी आराम से रह लेती है लेकिन तालाब का रुका हुआ पानी जल्दी ठंडा हो जाता है. जनवरी में जब बारिश होती है और ओले पड़ते हैं, इससे मछलियां परेशानी में आकर बीमार हो जाती हैं. मछलियां मरने भी लगती हैं. मछली पलकों को कई बार तालाब में कई तरह की दवाइयां का छिड़काव भी करना पड़ता है.
अंडरग्राउंड वाटर से नहलाना पड़ता है
यूपी के मछली पालक एमडी खान कहते हैं कि तालाब का पानी रुका हुआ होने की वजह से पानी सर्द मौसम में जल्दी ठंडा हो जाता है. खासतौर पर सुबह के वक्त ठंड ज्यादा रहता है तो पानी जल्दी ठंडा हो जाता है. ठंडे पानी से मछलियों को परेशानी होती है. ऐसे में सुबह-शाम मछलियों को पंप की मदद से अंडरग्राउंड वाटर से नहलाया जाता है. जमीन से निकला पानी गुनगुना होता है. इसलिए तालाब के ठंडे पानी में मिलकर यह पूरे पानी को समान कर देता है. जब ताजा पानी का पंप चलाया जाता है तो मछलियां खुद ही भी आकर पानी में अठखेलियां करती हैं.
मरने लग जाती हैं मछलिया
दिसंबर से जनवरी के दौरान जब ऐसा लगता है कि तालाब का पानी कुछ ज्यादा ठंडा हो रहा है तो जमीन से निकला पानी मिला देने पर मछलियों को फायदा होता है. मछली पालक उम्मेद सिंह कहते हैं कि जैसे ही मछलियों को तालाब का पानी ठंडा लगता है तो वह तालाब की तली में ज्यादा रहना पसंद करती हैं. क्योंकि तालाब की ऊपरी सतह का पानी ठंडा होता है और ताली का पानी सामान्य रहता है. ज्यादा ठंडा पानी होने से मछलियां बीमार होने लगते हैं और उनके मरने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में मछली पालक को नुकसान होता है.
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