Home मछली पालन Fisheries Sector: इस कार्यक्रम में 7 राज्यों को फिश सेक्टर में मिलेगी 52 करोड़ की सौगात, बढ़ेगा फिश प्रोडक्शन
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Fisheries Sector: इस कार्यक्रम में 7 राज्यों को फिश सेक्टर में मिलेगी 52 करोड़ की सौगात, बढ़ेगा फिश प्रोडक्शन

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मछली पकड़ते मछुआरे (फोटो CMFRI)

नई दिल्ली. मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ‘आईलैंड मत्स्य पालन और मछली पालन सम्मेलन 2025’ का आयोजन कर रहा है. जो अंतर्देशीय मत्स्य पालन और मछली पालन के विकास पर केंद्रित है, 13 अप्रैल 2025 को इंदौर, मध्य प्रदेश में इसका आयोजन हो रहा है. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मौजूद होंगे. एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बाघेल समेत तमाम लोग मौजूद होंगे. इस दौरान मंत्री राजीव रंजन सिंह 7 अंतर्देशीय राज्यों और UTs के लिए 52 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ प्रमुख मत्स्य परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखेंगे, जो प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत है.

इसमें हलाली बांध पर जलाशय मत्स्य क्लस्टर की शुरुआत और अन्य परियोजनाओं की आधारशिला का निर्माण शामिल है. जिसका उद्देश्य जल संसाधन अवसंरचना को बढ़ाना, मछली उत्पादन को बढ़ाना और देश के अंदर के क्षेत्रों में आजीविका के अवसर उत्पन्न करना है. बता दें कि इससे आने वाले समय में मछली पालन सेक्टर में संभावनाएं और ज्यादा बढ़ जाएंगी. वहीं कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री द्वारा मत्स्य सहकारी समितियों, एफएफपीओ और मत्स्य स्टार्ट-अप्स सहित लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए जाएंगे. मछुआरों को लक्षित बीमा कवरेज, एकीकृत डिजिटल पहुंच और हाशिए के समुदायों के लिए केंद्रित समर्थन के उद्देश्य से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और जलमग्न कृषि बीमा भी दिया जाएगा.

मछली पालन सेक्टर को मिलेगा कई फायदा
यह आयोजन आईलैंड राज्यों संघ शासित प्रदेशों के मछली पालन मंत्रियों के साथ-साथ मछली पालन विभाग, राज्य मछली पालन विभागों और ICAR संस्थानों के अधिकारियों की भागीदारी का साक्षी बनेगा. यह कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा. यह बैठक क्षेत्रीय विशेष चुनौतियों को संबोधित करने, आईलैंड पारिस्थितिकी तंत्र के अनुसार आधुनिक, पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और मछली पालन क्षेत्र में आजीविका के अवसरों, उत्पादकता और दीर्घकालिक आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करेगी.

साल 2015 के बाद से हुआ बड़ा विनेश
गौरतल​ब है कि 2015 से, सरकार ने मछली पालन क्षेत्र को मजबूत करने के लिए विभिन्न प्रमुख कार्यक्रमों के तहत 238,572 करोड़ का संचयी निवेश किया है. इसके परिणामस्वरूप, भारत के वार्षिक मछली उत्पादन में 104 फीसद की महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जो वित्तीय वर्ष 2013-14 में 95.79 लाख टन से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 195 लाख टन हो गई है. आइलैंड मछली पालन और मछली पालन प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में उभरे हैं, जो कुल उत्पादन का 75 फीसद से अधिक है.

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