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Fisheries: चंदौली में जुलाई तक बनकर तैयार हो जाएगी देश की सबसे बड़ी ‘स्टेट ऑफ आर्ट होलसेल फिश मार्केट’

State of Art Wholesale Fish Market in Chandauli, Fish Farming, Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana
चंदौली में बन रही स्टेट ऑफ आर्ट होलसेल फिश मार्केट

नई दिल्ली. योगी सरकार ने उद्योग-धंधों से चंदौली को नई पहचान दिलाई है. इस जिले में जुलाई तक देश की सबसे बड़ी ‘स्टेट ऑफ आर्ट होलसेल फिश मार्केट’ बनकर तैयार हो जाएगी. इसकी तैयारियां बहुत तेजी की जा रही हैं. चंदौली में मछली के आकार का देश की सबसे बड़ी अल्ट्रा मॉडल मत्स्य मंडी का निर्माण किया जा रहा है. तीन मंजिला इमारत का निर्माण 61.86 करोड़ रुपये की लागत से दस हजार वर्गमीटर में हो रहा है. इस मंडी की खासियत होगी कि एक ही छत के नीचे मछली से संबंधित सभी कारोबार होंगे तो 1500 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा.

अंतरराष्ट्रीय स्तर की अल्ट्रा मॉडल मत्स्य मंडी होगी
चंदौली में योगी सरकार ने पहले पर्यटन उद्योग से लेकर अन्य उद्योगों को स्थापित किया, अब चंदौली में ही देश की सबसे बड़ी स्टेट ऑफ आर्ट होलसेल फिश मार्केट का निर्माण किया जा रहा है. 61.87 करोड़ की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर की अल्ट्रा मॉडल मत्स्य मंडी बन रही है. इस मंडी के बनने से पूर्वांचल के मत्स्य पालन करने वालों की आय बढ़ जाएगी. साथ ही 1500 से ज़्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.मछली से सम्बंधित सभी कारोबार एक छत के नीचे होगा. यहां फिश रेस्टोरेंट, प्रशिक्षण के लिए कांफ्रेंस हॉल, प्रोसेसिंग यूनिट समेत कई तरह की सुविधाएं होंगी. स्टेट ऑफ आर्ट होलसेल फिश मार्केट का निर्माण करीब 50 प्रतिशत पूरा हो चुका है. जुलाई 2024 तक इसका निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा.

बिल्डिंग में कोल्ड स्टोरेज से लेकर म्यूजियम तक होगा
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत भारत की सबसे आधुनिक मत्स्य मंडी के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. इस तीन मंजिला इमारत का निर्माण दस हजार वर्गमीटर में हो रहा जिसकी लागत लगभग 61.87 करोड़ है. मछली के आकार की इस बिल्डिंग में मछली पालन के तरीकों, मार्केटिंग, तकनीक, एक्सपोर्ट से लेकर मछली के कई प्रकार के पकवान पकाने और खाने की भी सुविधा होगी. चंदौली के ज़िलाधिकारी निखिल टी. फुंडे ने बताया कि ये देश की पहली अपने तरह की मत्स्य सम्बंधित क़ारोबार की अल्ट्रा मॉडल बिल्डिंग होगी, जिसमें मछली का होलसेल और रिटेल मार्केट होगा. सीड्स,फीड्स, चारा, दवाएं, कोल्ड स्टोरेज, म्यूजियम और अन्य उपकरण सभी चीजें एक छत के नीचे उपलब्ध होंगी.

बिल्डिंग में एक्सक्लूसिव फिश रेस्टोरेंट भी होगा
मछली पालन को लेकर दुनिया भर में चल रही नई तकनीक का प्रदर्शन आधुनिक एग्जीबिशन हॉल में किया जाएगा. बिल्डिंग में कॉन्फ्रेंस हाल भी बनेगा, जहां मत्स्य पालकों का प्रशिक्षण व सेमिनार आदि होगा. बिल्डिंग में फ़िश प्रोसेसिंग यूनिट भी होगी. पीपीपी मॉडल पर तीसरी मंज़िल पर एक एक्सक्लूसिव फिश रेस्टोरेंट होगा. जहाँ फिश के कई प्रकार के व्यंजनों के स्वाद का भी आनंद उठाया जा सकेगा.

व्यापारियों और ट्रक ड्राइवरों के लिए गेस्ट हाउस भी होगा
जाएगा.ज़िलाधिकारी ने बताया कि बिल्डिंग सेंट्रली वातानुकूलित होगी. बिजली बचाने के लिए 400 किलोवाट का सोलर पावर भी लगाया जाएगा. सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट का विशेष प्रबंध होगा. व्यापारियों और ट्रक ड्राइवरों के लिए गेस्ट हाउस भी बनाया जाएगा. चंदौली के सहायक निदेशक मत्स्य रविंद्र प्रसाद ने बताया कि वाराणसी, चंदौली, गाज़ीपुर जौनपुर में अभी करीब 2000 मछली पालक हैं, जो बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 5 हज़ार से ज्यादा परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं.

मंडी में होलसेल और रिटेल काउंटर भी होंगे
इस आधुनिक मत्स्य मंडी के बनने से पूरे पूर्वांचल के मत्स्य पालकों व इससे जुड़े लोगों की परिस्थिति व आर्थिक रूप से समृद्धि में बदलाव आएगा. मंडी में 111 से अधिक दुकानें होंगी, जिसमें होलसेल बिल्डिंग में 81 दुकानें और रिटेल बिल्डिंग में 30 दुकानों का निर्माण हो रहा है. इस अल्ट्रा मॉडल बिल्डिंग के बन जाने से पूर्वांचल में बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे. मत्स्य कारोबार के साथ ही किसानों की आर्थिक आय बढ़ाने के लिए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाए जाएंगे.

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