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Fodder: आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी आजम नगर गोशाला, खाने को मिलेगी नेपियर घास, सर्दी से बचाएंगे हीटर

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नेपियर घास का प्रतीकात्मक फोटो. Live stock animal news

आगरा. उत्तर प्रदेश के एटा जिले में निराश्रित गोवंशों को संरक्षित करने के लिए बनवाई गई गोशालाओं में चारे की कमी को दूर करने के लिए काम किया जा रहा है. पूरे साल हरे चारे की कमी न हो इसके लिए नेपियर घास उगाई जा रही है. इस घास के अगने के बाद से गोवंशों को भरपूर हरा चारा मिलेगा.

उत्तर प्रदेश के एटा जिले में निराश्रित गोवंशों को संरक्षित करने के लिए गोशाला बनाई गई हैं. गोशाला तो बना दी लेकिन हरे चारे की समस्या से गोशाला संचालक हमेशा परेशान रहते हैं. चारा न मिलने की वजह से गोवंश भी भूखे रहते हैं. इस कमी को दूर करने के लिए नेपियर एवं अजोला घास लगवाई है, जिससे हरे चारे की कमी को दूर किया जा सके.

नहीं होगी हरे चारे की किल्लत
खंड विकास अधिकारी चंद्र मोहन कनौजिया ने बताया कि ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत गढ़ी रोशन में अस्थाई गोशाला का निर्माण कराया गया है. इसमें गोवंशों के चारे व पानी और सर्दी से बचाव के लिए सभी व्यवस्थाएं कराई गईं है. सभी सुविधाओं से सुसज्जित इस गोशाला में कुल 115 गोवंश को संरक्षित करने की व्यवस्था की गई है. गोशालाओं की दीवारों पर बाल पेंटिंग कराई गई है. साथ ही गायों के साफ पेयजल के साथ चारे की व्यवस्था भी की गई है. वही गोशाला में चारे की किल्लत न हो इसके लिए नेपियर एवं अजोला घास लगवाई गई है, जिससे गायों को हरे चारे की कोई भी परेशानी नहीं होगी. अजोला घास उगाने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. दोनों प्रकार की घास की पैदावार के लिए बरेली से मंगाई गई है, जिसे 5 बीघा में चारागाह की जमीन पर उगाया जा रहा है.

किसी भी मौसम में उगा सकते हैं नेपियर घास
नेपियर घास की खासियत यह है कि इसे पानी की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती. नेपियर घास को किसी भी मौसम में उगया जा सकता है. यह पशुओं के उत्तम चारा है. इसे खाने से पशुओं में गैस की समस्या नहीं होती है और यह बहुत ही फायदेमंद व पौष्टिक चारा है.

गायों के गोबर से बनेगी वर्मीकंपोस्ट
ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत गढ़ी रोशन में अस्थाई गोशाला का निर्माण कराया गया है. इसमें गाय पालने के लिए बहुत सी सुविधाओं का इंतजाम किया गया है, जिससे गोवंशों को परेशानी का सामना करना पड़े. इसी में से एक है खाद बनाने की. सरकार के निर्देश पर गोवाला परिसर में वर्मीकंपोस्ट खाद बनाने पर भी काम चल रहा है. इसके लिए परिसर में आठ टैंक बनाए गए हैं. इन आठ टैंकों में गोबर से वर्मीकंपोस्ट खाद बनाई जा रही है.

सर्दी से बचाने को लगाए जा रहे हीटर
एटा-कासगंज में गंगा की वजह से सर्दी ज्यादा पड़ती है. यही कारण है खुले में गोशाला होने के कारण गायों को ठंड बहुत लगती है. गायों को कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. गोवंशों को सर्दी के प्रकोप से बचाने के लिए हीटर लगाए गए हैं. ये हटीर ऊंची सतह पर लगाए गए हैं, जिससे गाय को दिक्कत न हो. इसके साथ ही गोशाला के चारों तरफ ​​तिरपाल लगवाए गए हैं, जिससे अंदर प्रवेश न कर सके.

30 बीघा जमीन पर बन रही गोशाला
एसडीएम,अलीगंज प्रतीक त्रिपाठी ने बताया कि लेखपालों को निर्देश दिए गए हैं कि अभियान चलाकर चारागाह की जमीन को चिन्हित कर लें और अगर अतिक्रमण या कब्जा पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी. बीडीओ गोपाल गोयल ने बताया कि डीएम के आदेशानुसार गढ़ी रोशन गोशाला की तर्ज पर आजमनगर गोशाला की 30 बीघा जमीन पर तारबंदी कर दी गई है और 10-12 बीघा में चारा बोया गया है. दो बीघा में नेपियर घास लगाई गई है. तहसीलदार द्वारा जगह चिन्हित करने पर मनरेगा के माध्यम से तारबंदी कराई जाएगी.

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