नई दिल्ली. दूध सप्लाई में पहले रिकॉर्ड कायम कर चुके कश्मीर के लिए डेयरी सेक्टर से एक और अच्छी खबर सामने आ रही है. अब गंदरबल कश्मीर के पशुपालकों को सरकार की ओर से एक बड़ी सौगात मिली है. दरअसल, प्रशासनिक परिषद (एसी) ने डेयरी प्लांट की स्थापना के लिए पशुपालन विभाग (एएचडी) के पक्ष में गांदरबल जिले की तहसील तुलमुल्ला के एस्टेट देवीपोरा में स्थित 22 कनाल और दो मरला भूमि के हस्तांतरण को मंजूरी दे दी है. इसके चलते यहां के पशुपालकों को फायदा पहुंचेगा.
एक अधिकारी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर मिल्क प्रोड्यूसर्स कोऑपरेटिव लिमिटेड (JKMPCL) केंद्रीय क्षेत्र योजना, राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के इंप्लीमीटेशन के लिए इंप्लीमीटेशन एजेंसी होगी. जो केंद्रीय क्षेत्र कंस्टीट्यूेंट के तहत 90 फीसदी फंडिंग देगी.
जबकि बाकी 10 फीसदी परियोजना के निष्पादन के लिए जेकेएमपीसीएल का हिस्सा होगा.
रोजगार के अवसर पैदा होंगे
एक्सपर्ट का कहना है कि इस परियोजना से रोजगार मिलने और कृषि की बर्बादी कम होने तथा उपज के पोषण मूल्य में इजाफा होने की उम्मीद है. इस फैसले से क्षेत्र के लगभग 1.5 लाख दुग्ध उत्पादकों को फायदा होगा. 400 से 500 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. यहां ये भी बताते चलें कि कश्मीर पहले ही दूध उत्पादन के मामले में रिकॉर्ड कायम कर चुका है. पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट के मुताबिक अनंतनाग जिले में दूध उत्पादन के मामले में पुलवामा जिले को भी पीछे छोड़ दिया था और कश्मीर के नए आनंद का खिताब हासिल कर लिया था.
दूध उत्पादन में बनाया रिकॉर्ड
अनंतनाग वर्तमान में प्रतिदिन 7.39 लाख लीटर दूध का उत्पादन कर रहा है. अफसरों का कहना है कि जिले में वार्षिक दूध उत्पादन का लगभग 266.35 हजार टन है, जो पुलवामा को पीछे छोड़ रहा है. जिसका वार्षिक दूध उत्पादन 262.95 हजार टन है. आने जिले में दूध उत्पादन का स्तर अलग-अलग बताया गया है. जिसमें बडगाम में 240.70 हजार टन, बारामूला में 19.95 हजार टन, कुलगाम में 161 हजार टन दूध का उत्पादन हुआ है.
पशुपालकों को मिली थी सब्सिडी
इसके अलावा बांदीपोरा में 119.98 हजार टन और श्रीनगर में 100.410 हजार टन दूध उत्पादन हुआ. वहीं गांदरबल और शोपियां में 96.37 हजार टन और 72.96 हजार टन सालाना के साथ सबसे कम दूध उत्पादन दर्ज किया गया था. कश्मीर के पशुपालक और डेयरी कारोबारी कश्मीर में दूध उत्पादन बढ़ाने की कामयाबी एकीकृत डेयरी योजना को देते हैं. उनका कहना है कि इस योजना से बहुत सुधार हुआ है. पशुपालन अधिकारी बताते हैं कि चालू वित्तीय वर्ष की पहली तीन तिमाहियों के लिए 221 लाभार्थियों के बीच 1.11700000 रुपये की सब्सिडी वितरित की गई है.
Leave a comment