नई दिल्ली. बकरी पालन कर रहे हैं तो बकरियों का ध्यान मौसम के बदलाव के लिहाज से भी रखना चाहिए. जैसा मौसम है, वैसी देखभाल बकरियों की जानी चाहिए. जैसे बारिश के दिनों में और ठंड के दौरान बकरी के फॉर्म में चूने की बड़ी अहमियत होती है. यानी जहां बकरियां बांधी जाती हैं, वहां पर चूने का छिड़काव करना चाहिए. इसके कई फायदे हैं. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG) के एक्सपर्ट ने लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) को तीन फायदों के बारे में बताया है. जो हर बकरी पालक को जानना चाहिए.
दरअसल, गोट एक्सपर्ट का कहना है कि बकरी पालन में कुछ परेशानियां हैं जो बकरी पालक को बहुत ही परेशान करती हैं. उन्हीं परेशानियों को दूर करने में चूना बेहद ही अहम होता है.
बाड़े को रखता है सूखा
मार्केट में आसानी से चूना पाउडर उपलब्ध हो जाता है. इसको पूरे बाड़े में जहां पर बकरियां रहती हैं छिड़काव करना चाहिए.
अगर इसकी पहले फायदे की बात करें तो सर्दी और बरसात में इसको छिड़कने से बकरी का बाड़ा सूखा रहेगा.
क्योंकि इन दोनों मौसम में बकरी का बाड़ा गीला हो जाता है और इससे उन्हें नमी की वजह से परेशानियां होती है.
अगर चूने का छिड़काव करते हैं बाड़े में नमी नहीं आएगी. बकरी और बकरी के बच्चों को बीमारियों से चुनाव बचाएगा. बकरी के बच्चों को निमोनिया भी नहीं होगा.
वहीं बकरी फार्म को बैक्टीरिया मुक्त रखने के लिए भी चूना बहुत ही अहम होता है.
जब बकरी का बाड़ा सूखा रहता है तो उसमें बैक्टीरिया नहीं आती है और बैक्टीरिया की वजह से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सकता है.
बकरियां बाहरी कीड़ों से बड़ी परेशानी होती हैं. बकरियों के बाल गिरने लग जाते हैं और उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
हालांकि अगर चूने का छिड़काव बाड़े में किया जाए तो बकरियों को कीड़े की समस्या से निजात मिल जाएगी.
निष्कर्ष
यदि चूने का छिड़काव करते हैं तो बकरियों को बीमारियों से बचा सकते हैं. बीमारियों से बचाने का सीधा फायदा ये है कि आपको बेहतर उत्पादन मिलेगा. जिससे बकरी पालन के काम में फायदा होगा.
Leave a comment