Home मछली पालन Fish Farming: किस तरह करें तालाब में फिश हार्वेस्टिंग, कैसे करें तैयारियां ताकि ज्यादा हो फायदा, पढ़ें यहां
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Fish Farming: किस तरह करें तालाब में फिश हार्वेस्टिंग, कैसे करें तैयारियां ताकि ज्यादा हो फायदा, पढ़ें यहां

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तालाब में मछली.

नई दिल्ली. मछली पालन करके हजारों लाखों रुपये कमाए जा सकते हैं. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि मछली पालन करने से पहले मुकम्मल जानकारी हो. अगर जानकारी रहती है तो फिर मछली पालन करके आप फायदा उठा सकते हैं. अगर कोई भी किसान मछली पालन शुरू करना चाहता है तो सबसे पहले उसे ये मालूम होना चाहिए कि संचयन से पहले क्या-क्या उपाय किए जाएं कि मछली को तालाब में कोई दिक्कत न आए और उसके ग्रोथ और प्रोडक्शन पर भी कोई असर न पड़े.

एक्सपर्ट के मुताबिक जलीय वंनस्पतियों का नियंत्रण किया जाना जरूरी है. क्योंकि जलीय वंनस्पतियों का तालाब में होना नुकसानदेह है. क्योंकि ये मछली के साथ आहार को खा जाती हैं. तथा जगह भी घेरती है, साथ ही साथ ऑक्सिजन के संतुलन को कम कर देती हैं. सूरज की रोशनी को अंदर आने से रोकती हैं. जिससे नेचुरल प्रोडक्शन में कमी व मछलियों के मुक्त विचरण में दिक्कते होती हैं. जहां तालाब पूर्ण रूप से सुखाया नहीं जा सकता वहां नीचे बताए गए उपाय किए जा सकते हैं.

जलीय वनस्पतियों को नियंत्रित करने के लिए क्या करें
यांत्रिक मेथड का इस्तेमाल आधे तथा पूर्ण रूप से डूबे हुए जलीय वंनस्पतियों को निकालने के प्रयोग में लाया जाता है. इसमें कांटेदार तार को जलीयवंनस्पतियों के बीच से खीचां जाता है, जिससे वे उसमें अटके व बाहर निकाले जा सकें, तैरने वाले वंनस्पतियों को स्ट्रॉ रोप से बाहर निकाला जा सकता है. रासायनिक मेथड, यदि अनावश्यक वनस्पतियां हाथ या मशीन की मदद से पानी से बाहर नहीं निकाले जा सकते हों, तो नीचे दिये हुये रसायनों का उपयोग कर प्रति एकड 0.50 से 0.70 गैलन का छिड़काव करें. 2,4- डी या पानी के बीच की वंनस्पतियों के लिये, सायमोझीन, डाययुरॉन 3 व अमोनिया जल के तल में होने वली वंनस्पतियों के लिये और पॅराक्वाट-14 तैरने वली वंनस्पतियों के लिये किया जा सकता है.

इस मेथड का भी करें इस्तेमाल
आरगेनिक मेथड जो मछलिया शाकाहारी भोजन पर निर्भर रहती हैं और जो मछलियां इन अनावश्यक वंनस्पतियों को खाद्य में उपयोग कर सकती हैं. उनके प्रमाण में मछलियों का संचयन 150 से 200 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर किया जाता है. तालाब में आरगेनिक मेथड से वंनस्पतियों का नियंत्रण करने के लिए मछलियों कि विभिन्न प्रजातियों को निश्चित अनुपात में छोड़े. उदा. ग्रास कार्प 150 से 200 किलो प्रति हेक्टेयर और तथा तिलापिया 1000 संख्या प्रति हेक्टेयर. नुकसान पहुंचाने वाली मछलियों को निमंत्रण करने के लिए मत्स्य संवर्धन के लिए छोड़े हुये मछलियों के बीज को खा जाती हैं. साथ खाद और जगह के लिये लड़ाई करती हैं.

कैसे किया जा सकता है नियंत्रण
पहले जाल का उपयोग करके हानिकारक मछली निकाली जाती है. हानिकारक मछली नष्ट करने के लिये महुआ की खली 200-250 पी.पी.एम. और चाय के बीज की खली 75-100 पी.पी.एम. के अनुपात में तालाब के जल में मिलाएं. तालाब सुखाना चाहिए. तालाब को हर फसल के बाद पूर्ण रूपसे सुखाना चाहिए. तालाब का तल सुख जाने तक तालाब को सुखाना आवश्यक है। इससे, हानिकारक जीव का विनाश हो जाता है. तालाब में हल चलाकर खुदाई करें. इससे मिट्टी में प्राणवायु की मात्रा के साथ-साथ जमीन की उर्वरकताभी बढ़ती है.

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