Home डेयरी Dairy Animal: गाय से ज्यादा उत्पादन हासिल करने के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान इस तरह करें देखरेख
डेयरी

Dairy Animal: गाय से ज्यादा उत्पादन हासिल करने के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान इस तरह करें देखरेख

ब्रुसेलोसिस ब्रुसेला बैक्टीरिया के कारण होता है जो मुख्य रूप से पशुधन (जैसे गाय, भेड़, बकरी) में पाए जाते हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. गाय हो या फिर भैंस, जब वो प्रेग्नेंसी के दौर से गुजरती हैं तो इस दौरान उन्हें एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है. डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि खासकर गर्भवती गायों पर विशेष रूप से गर्भावस्था के आखिरी दौर में ध्यान देने की जरूरत होती है. उनपर हर वक्त नजर रखने की भी जरूरत होती है. ताकि झगड़े या अन्य शारीरिक चोट के कारण गर्भपात से बचाया जा सके. या फिर प्रेग्नेंसी के आखिरी दौर में गाय को दूसरी जगह पर शिफ्ट भी कर देना चाहिए ताकि वो चोट का शिकार न हो पाएं. इसके अलावा भी कई सावधानियां बरतने की जरूरत होती है.

डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में गायों को विशेष आहार देने की जरूरत नहीं होती. प्रजनन से पहले गायों के लिए एक्सपर्ट द्वारा बताए गए आहार और प्रबंधन की व्यवस्था जारी रखनी चाहिए. गर्भावस्था के अंतिम तीन महीनों के दौरान जब भ्रूण का विकास बहुत तेज़ होता है, तो लगभग 1-2 किलोग्राम मिनरल मिक्सचर का विशेष गर्भावस्था भत्ता दिया जाना चाहिए. वहीं इस आर्टिकल में बताई गई तमाम बातों पर अगर आपने अमल कर लिया तो बेहतर प्रोडक्शन हासिल कर सकते हैं.

नमक, कैल्शियम और फास्फोरस खिलाएं
इस दौरान खनिज और विटामिन की कमी के बारे में विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. क्योंकि इनका नवजात बछड़े पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इन समस्याओं से बचने के लिए आमतौर पर थोड़ा खनिज वाला नमक और कैल्शियम और फास्फोरस की एक्सपर्ट द्वारा बताई गई मात्रा में खिलाना चाहिए. ध्यान रखना चाहिए कि कैल्शियम और फास्फोरस ज्यादा मात्रा में न दिया जाए. गर्भावस्था के अंतिम कुछ हफ्तों के दौरान योनि के आगे बढ़ने की प्रवृत्ति होती है जो कब्ज, खनिज की कमी और कमजोरी के कारण हो सकती है. प्रजनन वाले रास्ते की सामान्य स्थिति को बनाए रखने के लिए संतुलित और रेचक आहार दिया जाना चाहिए.

गाय को इस तरह के बाड़े में रखें
कभी-कभी बछड़े के जन्म से पहले थन में सूजन आ जाती है. दिन में दो से तीन बार, आधे घंटे के लिए मध्यम व्यायाम करके इसे टाला जा सकता है. कुछ मिनटों के लिए थन की मालिश करना भी सहायक होता है. प्रसव पहले दूध दुहने से बचना चाहिए. इससे दिक्कतें हो सकती हैं. गर्भवती पशु को ब्याने की अपेक्षित तिथि से 8-10 दिन पहले अलग कर दें और उसे साफ, अच्छी तरह से बिछाए गए, सूखे और कीटाणुरहित प्रसूति बाड़े में रखें. ब्याने का समय आने पर पशु पर कम से कम हर दो से तीन घंटे में बारीकी से नजर रखनी चाहिए.

ऐसा करने से नहीं होता है संक्रमण
ब्याने का अच्छा माहौल गायों और नवजात बछड़ों को संक्रामक रोगों के संपर्क में आने से बचाता है. एक साफ और आरामदायक क्षेत्र जो गायों को अच्छी तरह से चलने की सुविधा प्रदान करता है, चोटों की संभावना को कम करता है. ब्याने वाले क्षेत्रों को पानी की निकासी के लिए लैंडस्केप किया जाना चाहिए. ताकि कहीं भी बाड़े में पानी न रुके. पानी के रुकने का मतलब है कि बीमारियों को न्योता देना. छायादार बाड़ा होना बेहद ही जरूरी है. साथ ही उसमें हवा भी आती रहे.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

हरे चारे के अंदर कई पौष्टिक गुण होते हैं. जिससे उत्पादन को बनाए रखने में मदद मिलती है.
डेयरी

Green Fodder: पशुओं को पौष्टिक चारा के लिए लगाएं ये फसल, मिलेगा भरपूर दूध उत्पादन

पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30 सेमी रखनी चाहिए. मिलवां खेती में...

The revised NPDD will give an impetus to the dairy sector by creating infrastructure for milk procurement
डेयरी

Milk: दो दूध संघ को सरकार ने दिए 8 करोड़ रुपए, बिक्री पर 6 रुपए तक बोनस देने की पहल भी की

सीएम ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के माध्यम से प्रदेश में दूध...