Home पोल्ट्री Poultry Farming: तेजी से ग्रोथ चाहते हैं तो चूजों की देखरेख के इन पांच तरीकों को जरूर अजमाएं
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Poultry Farming: तेजी से ग्रोथ चाहते हैं तो चूजों की देखरेख के इन पांच तरीकों को जरूर अजमाएं

पोल्ट्री के बिजनेस में बीमारियां रोक लीं तो ये मुनाफे का सौदा होता है.
चूजों का प्रतीकात्मक फोटो: Livestockanimalnews

नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग की जब शुरुआत होती है तो फॉर्मर्स पोल्ट्री फॉर्म में चूजे लेकर आते हैं. इन्हीं चूजों को दाना—पानी दिया जाता है, जिसको खाने के बाद वो तैयार हो जाते हैं और फॉर्मर्स को फायदा पहुंचाते हैं. इसलिए उनकी देखभाल करना बेहद ही जरूरी काम होता है. आमतौर पर चूजों के फीड, उनके रहने की जगह, चूजों के लिये लगाये जाने वाले बिस्तर आदि का ध्यान देना होता है. जबकि मौसम के लिहाज से भी उनकी देखरेख की जाती है. जिससे पोल्ट्री फार्मिंग में फायदा कई गुना बढ़ जाता है.

पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉ. इब्ने अली कहते हैं कि चूजों के पालन में ग्रामीण पशुपालकों को सबसे ज्यादा मुश्किल आती है. चूजों में मौत की आशंका सबसे ज्यादा होती है. चूजों को तेज गर्मी, ठंड, बरसात, कई प्रकार की बीमारियों, चील-कौओं से सुरक्षित रखना बेहद ही जरूरी होता है. चूजों को पहले 3-4 सप्ताह की उम्र तक पालने में कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती हैं.

आइये जानें क्या करना है क्या नहीं

  1. जब चूजों को दूर से खरीदकर लाया जाता है तो उनमें भूख और थकान होती है. उन्हें सबसे पहले किसी छांव और शांत सी जगह में रखकर बारीक जोन्दरा (मक्का) या दलिया कागज (पुराने अखबार) के बिछौने पर छिड़ककर देना चाहिए. चूजें जब कागज के ऊपर चलते हैं तो पंखे की खड़खड़ाहट से वे नीचे पड़े दाने को खोजकर खा पाते हैं. चूजों की थकान मिटाने के लिए पानी में थोड़ा गुड़ मिलाकर पिलाना चाहिए. इससे उन्हें एनर्जी प्राप्त होती है.
  2. पोल्ट्री फार्म या हैचरी से चूजे आने से पहले मुर्गी घर को चूने या गोबर से लीपना चाहिए. सबसे अच्छा यह है कि जिस मुर्गी घर में नये चूजे आए उसमें अन्य मुर्गियों का प्रवेश रोकना चाहिए लेकिन जब घरेलू मुर्गी के चूजों को पालने की बात हो तो ऐसा कराना उचित नहीं है.
  3. चूजों को हमेशा खुले में नहीं रखना चाहिए. इंसानों को घर के अहाते में, मुर्गी घर में, या रात के समय, दोपहर को आंगन में बड़ी टोकनी के नीचे ढंक कर रखना चाहिए. टोकनी की चौड़ाई 27 इंच, ऊंचाई 18 इंच और ऊपर एक 8 इंच चौड़ा छेद होना चाहिए.
  4. मुर्गी घर में दाना-पानी की पर्याप्त व्यवस्था रखनी चाहिए. ताकि जब भी चूजों को जरूरत हो वो दाना-पानी खा—पी सकें.
  5. पोल्ट्री फार्मिंग में पहले दो हफ्ते तक दिन और रात दोनों समय बल्ब जलाकर चूजों को ठंड से बचाना चाहिए. दो सप्ताह के बाद केवल रात में बल्ब जलाना ही काफी है. रात में बल्ब जलाने से एक फायदा और होता है कि रात में रोशनी होने के कारण वे रात में भी दाना-पानी लेते रहते हैं. जिससे उनकी बढ़त तेजी से होती है. मुर्गी फार्मों के चूजों के जल्दी बढ़ाने के कई कारणों में से यह भी एक है.
Written by
Livestock Animal News

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