नई दिल्ली. अगर आप मछली पालन करते हैं तो ये आपकी खूब कमाई करता है और आप चाहें तो मछली पालन से एक साल में पांच लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं, लेकिन अगर आपने मछली पालन के साथ बत्तख पालन भी कर लिया तो आपकी कमाई और ज्यादा बढ़ सकती है. यही वजह है कि फिश एक्सपर्ट मछली पालन के साथ-साथ बत्तख पालन करने की भी सलाह देते हैं. क्योंकि बत्तखों से हासिल अंडों से भी अच्छी खासी कमाई की जाती है. इस तरह से मछली की जो फसल तैयार होगी उससे तो कमाई होगी ही, साथ बत्तखों से हासिल होने वाले अंडों से भी कमाई होगी. इस तरह से मुनाफा दोगुना हो जाएगा.
मछली पालन और बत्तख पालन एक साथ करने के लिए फिश एक्सपर्ट बारहमासी तालाबों का चयन करने के लिए कहते हैं. इस तालाब की गहराई डेढ़ से 2 मी रखने की भी सलाह फिश एक्सपर्ट की ओर से दी जाती है. बत्तख पालन में हमेशा इस बात की भी सलाह दी जाती है कि बत्तखों का जो आवास बनाया जाए वो बिल्कुल तालाब से सटा हुआ बनाया जाए. अलबत्ता उसके आवास के दरवाजे का मुंह तालाब की तरफ रखा जाए. ताकि बत्तखें बाहर निकलें तो वह सीधे तालाब के अंदर जाएं.
ऐसा होना चाहिए बत्तख का आवास
हमेशा ही आवास को बांस और लकड़ी से बनाना चाहिए, जो हवादार और सुरक्षित भी होना चाहिए. बत्तख पालन की अगर बात की जाए तो खाकी कैंपबेल नस्ल अंडों के लिए सबसे अच्छी प्रजाति मानी जाती है. इससे साल भर में आपको 250 अंडे ले सकते हैं. एक एकड़ की तालाब में आप 250 से 300 तक तक बत्तख पाल सकते हैं. मछली के तालाब में बत्तख पालने का सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि इसके तैरने से पानी के ऑक्सीजन का लेवल बना रहता है. खासतौर से ठंड में यह काफी मददगार साबित होती हैं. जबकि बत्तखें जो बीट करती हैं उसे मछलियों का भोजन भी मिल जाता है, ऐसे में मछलियों के फीड पर भी खर्च कम हो जाता है.
ये गलती कभी भी न करें
मछली पालन करने के साथ-साथ बत्तख पालन करने पर कभी भी तालाब में स्पान मछली डालने का जोखिम नहीं लेना चाहिए. क्योंकि ऐसी स्थिति में बत्तख स्पान मछलियों को खा सकती हैं. अगर आप एक एकड़ तालाब में मछली पालन कर रहे हैं तो पांच हजार फिंगर लिंग डालना चाहिए. जिससे 6 से 9 महीने में बीच फसल तैयार हो जाएगी और इससे आपको 5 से 6 लाख रुपए का मुनाफा होगा. जबकि आप बत्तख पालन से भी सालाना 3 से 4 लाख रुपए कमा सकते हैं. क्योंकि बत्तख के अंडों की पूर्वी राज्यों में अच्छी डिमांड है. जिससे आप ज्यादा कमाई कर सकते हैं.
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