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Animal News: गाय-भैंस, पोल्ट्री और भेड़-बकरी पालन की प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेने का मौका, यहां पढ़ें डिटेल

लुवास में पशुपालन पालन की ट्रेनिंग ले सकते हैं आप.

नई दिल्ली. सरकार किसानों की इनकम दोगुना करना चाहती है. इसके लिए सरकारी मदद भी उसकी ओर से मुहैया कराई जाती है. किसानों को लोन और सब्सिडी दी जाती है. ये काम न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए बेहतर है बल्कि युवा बेरोजगारों के लिए भी बेहतर है. बेरोजगार युवा इससे अपने लिए इनकम हासिल कर सकते हैं और दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं. अगर आप भी गाय-भैंस, पोल्ट्री और भेड़-बकरी आदि काम करना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए है. असल में लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार की तरफ से इन चीजों के पालन को लेकर प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जा रही है.

लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति डॉ. नरेश कुमार जिंदल के दिशा निर्देशन में पशु रोग जांच प्रयोगशाला, सीमेन बैंक, उपनिदेशक कार्यालय, पशु पालन विभाग, रेवाड़ी रोड, नारनौल में वैज्ञानिकों द्वारा क्षेत्र के पशुपालकों को गाय भैंस, भेड़ बकरी, मुर्गी पालन, सूकर पालन, नेचुरल फार्मिंग, पशु फीड उत्पादन प्रशिक्षण आदि सभी प्रकार की ट्रेनिंग समय समय पर दी जाती है.

यहां कराएं रजिस्ट्रेशन
इन ट्रेनिंग का आयोजन डॉ. वीरेंद्र सिंह पवार, निदेशक, विस्तार शिक्षा की देख रेख में किया जाता है. ट्रेनिंग में पशु पालकों को विभिन्न पशुपालन व्यवसाय से जुड़ी सभी वैज्ञानिक तकनीक, जानकारियां दी जाती हैंं. ट्रेनिंग हासिल करने के लिए पशुपालक पशु रोग जांच प्रयोगशाला, सीमेन बैंक, उपनिदेशक कार्यालय, पशु पालन विभाग, रेवाड़ी रोड नारनौल में आकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं. प्रशिक्षण को सफलता से पूरा करने के बाद प्रतिभागियों को ट्रेनिंग सर्टिफिकेट भी वितरित किया जाता है.

साइंटिफिक तरीके से पशुपालन करने पर मिलेगा फायदा
वैज्ञानिक डॉ. ज्योति शुन्थवाल ने बताया की बदलते शहरीकरण व पशु उत्पाद जैसे दूश, अंडे, मीट की बढती मांग को देखते हुए यह अहम है कि युवा इन व्यवसायों के लिए वैज्ञानिक तरीके से प्रोफेशनल ट्रेनिंग ले ताकि वे इन व्यवसायों की बारीकियों को समझे व पशुपालन व्यवसाय में रोजगार पाकर अपनी आमदनी बढ़ाएं. ट्रेनिंग के दौरान पशुपालन से जुडी अहम बातें जैसे खान पान, पशु आवास, पशुओं की प्रमुख बीमारियां, पशु अपशिष्ट प्रबंधन, पशु प्रजनन आदि के बारे में विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से बताएं जाएंगे. प्रशिक्षण में हाई टेक डेरी, पोल्ट्री, सूकर व भेड़ बकरी फार्म खोलने के लिए भी विशेष ट्रेनिंग के प्रावधान हैं. वैज्ञानिक डॉ. देवेन्द्र सिंह व डॉ. ज्योति शुन्थवाल ने युवा पशुपालक महिलाओं व पुरुषो से प्रशिक्षण में बढ़ चढ़ कर भाग लेने के लिए अनुरोध किया हैं.

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लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

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