नई दिल्ली. दूध हमारे देश की संस्कृ़ति का एक हिस्सा है. अकेले मथुरा-वृंदावन ही नहीं पूरे ब्रज क्षेत्र की पहचान ही दूध-घी से है. आज भी बहुत सारे घरों में रात को सोने से पहले दूध पिया जाता है. सुबह की शुरुआत भी दूध और दूध से बनी चीजों से होती है. दूध से बनी मिठाई और आइसक्रीम का क्रेज तो बाजारों में साफ देखा जा सकता है. आज जरूर तस्वीर थोड़ी सी बदली है, लेकिन कुछ वक्त पहले तक हर घर के सामने एक गाय या भैंस जरूर नजर आती थी. जिसकी हैसियत गाय-भैंस की नहीं थी वो बकरी पालता था.
शायद इसीलिए बकरी को गरीब की गाय भी कहा जाता था. अमूल डेयरी की तो लाइन ही ये है कि ‘दूध पीता है इंडिया’. बीते कई साल से लगातार भारत दूध उत्पादन के मामले में विश्वस्तर पर पहले नंबर पर कायम है. अमूल डेयरी दुनिया की टॉप 10 डेयरी की लिस्ट में 8वें नंबर पर है. यही वजह है कि देश में प्रति व्यक्ति दूध की हिस्सेदारी बढ़ रही है. कई दूसरे देशों के मुकाबले भारत में प्रति व्यक्ति दूध ज्यादा पी रहा है. आजादी के बाद से प्रति व्यक्ति के गिलास में दूध की मात्रा तीन गुना हो गई है.
रोजाना हर एक नागरिक के हिस्से में आता है 459 ग्राम दूध
पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि आजादी के बाद जब सर्वे किया गया तो मालूम हुआ कि साल 1950-51 में देश में प्रति व्यक्ति के हिस्से में 130 ग्राम दूध था. लेकिन धीरे-धीरे देश की तरक्की के साथ ये आंकड़ा बढ़ता चला गया. आज 2022-23 में ये आंकड़ा बढ़कर 459 ग्राम पर पहुंच गया है. अब अगर 1950-51 में आबादी की बात करें तो वो थी 30.60 करोड़. जबकि आज देश की आबादी 130.76 करोड़. इसलिए आबादी के इस आंकड़े को देखते हुए ये बड़ी उपब्धि मानी जा रही है.
20.31 करोड़ टन दूध उत्पादन हुआ है देश में
पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने साल 2022-23 के आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि इस साल देश में 20.31 करोड़ टन यानि 230.58 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ है. बीते साल के मुकाबले ये 3.83 फीसद ज्यादा है. हाल ही में पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी जानकारी दी थी कि विश्व में जहां औसत दो फीसद की दर से दूध उत्पादन बढ़ रहा है, वहीं हमारे देश में ये आंकड़ा छह फीसद है. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और आंध्रा प्रदेश में देश के कुल दूध उत्पादन का 53.08 फीसद दूध उत्पादन होता है.
(march to february) | per capita availability |
Year | (gram/day) |
1950-51 | 130 |
1960-61 | 126 |
1973-74 | 128 |
1980-81 | 128 |
1990-81 | 176 |
2000-01 | 217 |
2010-11 | 281 |
2020-21 | 477 |
2022-23 | 459 |
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