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Fodder: पशुओं को गुणवत्ता परक फीड देने के लिए RAJUVAS ने दिए ये सुझाव

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प्रशिक्षणार्थियों को फीड के बारे में जानकारी देते विशेषज्ञ.

नई दिल्ली. वेटरनरी महाविद्यालय, बीकानेर के पशुपोषण विभाग द्वारा आईसीएआर. वित्त पोषित “पशु खाद्य संरक्षा और पशु उत्पादित खाद्य पदार्थों का मानव के सुरक्षित उपभोग के लिए गुणवत्ता मूल्यांकन” विषय पर आयोजित 21 दिवसीय शीतकालीन प्रशिक्षण का समापन शनिवार को हुआ.

पशु उत्पादों को बढ़ाने पर दिया जोर
प्रशिक्षण समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. एनएस राठौड़ पूर्व कुलपति, एपीयूएटी उदयपुर एवं पूर्व उपमहानिदेशक (कृषि शिक्षा) आईसीएआर ने अपने संबोधन में कहा कि प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्देश्य विषय के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना एवं प्रशिक्षण तकनीकों एवं नवाचारों की उपयोगित को बढ़ाना है. पशु उत्पादों को बढ़ाने के साथ-साथ हमें गुणवत्ता निर्धारण पर भी विशेष ध्यान देना होगा ताकि इन उत्पादों का मूल्य संवर्धन हो सके.

पशुओं को गुणवत्ता पूर्ण फीड़ कराना बेहद जरूरी
विद्यार्थियों को प्रयोगिक एवं तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ अनुभव लर्निंग एवं उद्यमशिलता को बढ़ावा देना चाहिए. सहायक महानिदेशक (मानव संसाधन प्रबन्धन) प्रो. एसके शर्मा ने कहा कि पशुपालन एवं पोल्ट्री सेक्टर में 70 प्रतिशत लागत पशु खाद्य पर आती है. पशु उत्पादों की गुणवत्ता निर्धारण का मुख्य आधार फीड़ गुणवत्ता है. नवीन शोध तकनीकों से हम खाद्य गुणवत्ता का मूल्यांकन कर सकते है. जो कि न केवल पशु अपितु मानव स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि आईसीएआर एवं राज्य सरकार का विश्वविद्यालय का शिक्षा एवं शोध सदृृढ़ीकरण के लिए हमेशा से ही सहयोग रहा है. विश्वविद्यालय भविष्य में भी इस तरह के समर एवं विंटर प्रशिक्षणों का आयोजन करेगा.

डेयरी संयत्र-मिनरल मिक्सर यूनिटों के आधुनिकरण पर जोर
प्रो. गर्ग ने कहा कि विश्वविद्यालय पशु उत्पादों के गुणवत्ता निर्धारण पर विशेष ध्यान देगा. डेयरी संयत्रो एवं मिनरल मिक्सर यूनिटों के आधुनिकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा निदेशक एनआरसीसी प्रो. ए साहू ने भी प्रशिक्षाणार्थी को संबोधित किया. इस अवसर पर “प्रशिक्षण संर्दिका” का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया.

10 राज्यों के प्रशिक्षाणार्थी ने हिस्सा लिया
निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्थान के साथ-साथ पंजाब, गुजरात, आसाम, बिहार, तमिलनाडु, नई दिल्ली, यू.पी., एम.पी., जम्मू राज्यों के 23 प्रशिक्षाणार्थी ने हिस्सा लिया. जिसमें शिक्षक, वैज्ञानिक एवं विषय विशेषज्ञ शामिल है. प्रशिक्षण के दौरान देश के ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालय, आईसीएआर संस्थानों के शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न विषयों पर 52 व्याख्यानों का आयोजन किया गया. अधिष्ठाता प्रो ए.पी. सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया. इस अवसर डीन-डायरेक्टर सहित शिक्षक एवं प्रशिक्षार्थी उपस्थित रहे. अतिथियों ने विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा संकुल, डेयरी फार्म एवं मिनरल मिक्चर यूनिट का भ्रमण भी किया.

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