नई दिल्ली. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह की निरंतरता के उपलक्ष्य में एमपीईडीए ने 18 मार्च को तक एमपीईडीए प्रधान कार्यालय के स्वर्ण जयंती हॉल में एक विशेष अनुभव-साझाकरण सत्र का आयोजन किया. कार्यक्रम में प्रो. डॉ. पार्वती ए ने भारत के आर्कटिक अभियान 2023 में अपने रोमांचक अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि आर्कटिक अभियान के दौरान क्या-क्या कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन ये पहल बेहद रोमांचित करने वाले थे, जिससे बहुत सी चीजें सामने आईं.
प्रोफ़ेसर डॉ. पार्वती ने 2023 में भारतीय आर्कटिक महासागर अभियान के दौरान आर्कटिक फ़जॉर्ड्स में समुद्री वायरस के वितरण की खोज के दौरान हुए अपने चुनौतीपूर्ण लेकिन रोमांचक अनुभव पर एक उत्कृष्ट प्रस्तुति दी. उन्होंने बताया कि भारतीय आर्कटिक स्टेशन ‘हिमाद्री’ में उतरने के पहले दिन से ही कठिन परिस्थिति से लड़ने से लेकर, नॉर्वे के सुदूरवर्ती स्पिट्सबर्गेन द्वीप के एनवाई एलेसुंड में स्थित, ध्रुवीय खतरनाक भालुओं की मौजूदगी में काम करने का मौका मिला.
प्रोफ़ेसर डॉ. पार्वती ने सभा को जीवन भर की यात्रा के वृत्तांतों से रूबरू कराया. उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव पर भी चर्चा की, उन्होंने अभियान के दौरान उन खतरनाक चीजों को भी नजदीक से महसूस किया जिसे सोचकर भी लोग डरने लगते हैं. ग्लेशियरों के टूटने से लेकर आर्कटिक महासागर के अटलांटिसीकरण तक. प्रोफसर डॉ. पार्वती ने जो अनुभव साझा किया वह सभा के लिए एक प्रोत्साहन था कि एक महिला कितना कुछ हासिल कर सकती है जब वह आत्म-प्रेम और परिवार को करीब रखकर ऐसा करने का दृढ़ संकल्प करती है.
आईएएस डी वी स्वामी, अध्यक्ष डॉक्टर एम. कार्तिकेयन, निदेशक के.एस. प्रदीप, सचिव मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ. पार्वती ए., प्रोफेसर और प्रमुख, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, कोचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीयूएसएटी) के साथ ही एलसम्मा इथैक, उप निदेशक और अध्यक्ष, एमपीईडीए की महिला सेल, संयुक्त निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम का हिस्सा रहे. फील्ड कार्यों और सोसायटी के अधिकारी ऑनलाइन शामिल हुए. अध्यक्ष ने मुख्य अतिथि को आभार स्वरूप स्मृति चिन्ह भेंट किया.
Leave a comment