नई दिल्ली. पंगेसियस मछली पालन की शुरुआत करना चाहते हैं तो यह मौसम बिल्कुल उचित है. इस वक्त धूप भी अच्छे से हो रही है. 15 दिनों के बाद फिश फार्मिंग कल्चर का काम शुरू करना चाहिए. अभी जिन तालाबों में मछली की फसल ली गई है, उसकी साफ सफाई का काम किया जाना चाहिए. क्योंकि फसल निकालने के बाद तालाब के अंदर खरपतवार जमा हो जाते हैं. इसलिए उसकी साफ सफाई करना बेहद जरूरी होता है. उसको सुखाना भी चाहिए. नए मछली पालक को यह बात मालूम होनी चाहिए कि जब मछली पालन की शुरुआत की जाती है तो मछलियों का बच्चा नर्सरी तालाब में ही रखा जाता है. इसे सीधे तौर पर कल्चर तालाब में नहीं डाला जाता है.
फिश फार्मिंग शुरू करने से पहले तालाब की साफ सफाई करना चाहिए, जो आसपास खरपतवार हैं, उन्हें जड़ से साफ कर देना चाहिए. नहीं तो इससे आपको तालाब के पास जाने में दिक्कत आएगी. तालाब के आसपास जितनी भी खरपतवार सबको खत्म करना जरूरी होता है. आमतौर पर तालाब के आसपास की जो भी घास है, उसे मजदूर लगवाकर निकलवाई जाती है.
पूरे समय कल्चर तालाब में नहीं रहती हैं मछलियां
नर्सरी तालाब से जिस तालाब में मछलियों को डाला जाता है, उसे कुछ दिनों तक धूप में सूखने की जरूरत पड़ती है. इसके बाद सफाई की शुरुआत की जाती है तो वह नर्सरी तालाब से की जाती है. क्योंकि बच्चा उसी में लाकर डालना होता है. 10 से 15 मिनट फीडिंग प्रक्रिया स्टार्ट किया जाता है. अच्छे से नर्सरी तालाब में ही फीडिंग कराई जाती है. उसके बाद बड़े तालाब में मछलियों को ट्रांसफर किया जाता है. अगर पंगेसियस मछलियों की फार्मिंग कर रहे हैं तो जान लें कि ठंड के समय में यह नीचे रहती हैं और ज्यादा एक्टिव नहीं रहती हैं. इसलिए फीडिंग कराना जरूरी होता है. पूरा कल्चर नर्सरी तालाब में नहीं किया जाता है. नर्सरी तालाब का बॉटम लेयर ठीक-ठाक रहता है. इसमें बीमारी होने का खतरा भी काम रहता है बीमारी होने का खतरा सबसे ज्यादा कलर तालाब में रहता है.
नर्सरी तालाब में मछलियों को दें ये सब
वहीं कल्चर मछली पूरी चार-पांच महीने तक तक रहती हैं. जब तक तैयार न हो जाए, उसमें फीडिंग कराई जाती है. वहीं इसका बॉटम खराब हो जाता है. अगर एक-दो साल के बाद कल्चर तालाब की मिट्टी नहीं निकालते हैं तो वहां पर बीमारी की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए पूरी ठंड में इसको सुखाते हैं. मछलियों जब 2 महीने तक फीडिंग नहीं कराई जाती है तो उनका बॉडी वेट कम जाता है. अगर पहले ही कल्चर तालाब में मछली को डाल दिए जाए तो ग्रोथ में दिक्कत आती है. नर्सरी तालाब से मार्च में फीडिंग कराके दूसरी तालाब में मछलियों को ट्रांसफर किया जाता है. बता दें कि नर्सरी तालाब में मछलियों को फीडिंग कराई जाती है. लिवर टॉनिक बूस्टर और मिनरल मिक्सर आदि दिया जाता है.
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