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PDFA-Gadvasu: पशुओं का होगा डोप टेस्ट, सैंपल फेल हुआ तो छिन जाएगा विजेता का खिताब

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गडवासू के अधिकारी और पीडीएफए पदाधिकारी बैठक करते हुए.

नई दिल्ली. हम सभी जानते हैं कि बहुत से खेलों में प्रतियोगिता शुरू होने से पहले खिलाड़ियों का डोप टेस्ट होता है, लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि पशुओं का भी डोप टेस्ट होगा, नहीं न! अगर नहीं सुना तो हम आपको बता देते हैं कि ये टेस्ट कौन करा रहा है और कौन करेगा और क्यों किया जा रहा है. इसलिए अंत तक इस खबर से जुड़े रहिएगा. किसानों के संगठनों और प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मांग पर गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में दुधारू पशुओं के रक्त और दूध के नमूनों से जानवरों में अवैध सिंथेटिक विकास हार्मोन के उपयोग का पता लगाने के लिए टेस्ट किया जाएगा.

गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय ने पशुओं के रक्त और दूध के नमूनों से जानवरों में अवैध सिंथेटिक विकास हार्मोन के उपयोग का पता लगाने के लिए परीक्षण विकसित किया है. पीडीएफए के अध्यक्ष दलजीत सिंह सदरपुरा ने विश्वविद्यालय से पीडीएफए मेले में भाग लेने वाले जानवरों पर नमूना लेने का अनुरोध किया था ताकि हार्मोन के दुरुपयोग का पता लगाया जा सके. कॉलेज ऑफ एनिमल बायोटेक्नोलॉजी के डीन डॉक्टर मलिक ने इस परीक्षण के लिए टेस्ट करने का आश्वासन दिया.

पीडीएफए पदाधिकारियों ने रखी थी मांग
गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह की अध्यक्षता में प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों और विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ बैठक हुई. महत्वपूर्ण एजेंडे में किसानों के भ्रम से बचने के लिए नीली-रावी भैंसों की सटीक नस्ल के लक्षण और नीली रवि भैंसों की सटीक पहचान और ग्रोथ हार्मोन का दुरुपयोग, जिसे व्यावसायिक रूप से बूस्टिन/लैक्टोट्रॉफ़िन कहा जाता है-एक सिंथेटिक विकास हार्मोन है, जिसका उपयोग गायों और भैंसों में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता है. बूस्टिन भारत में प्रतिबंधित है लेकिन इसका उपयोग अक्सर भैंसों के दूध उत्पादन को बढ़ाकर बेचने के गलत तरीके से किया जाता है.

क्यों जरूरत पड़ रही है इस टेस्ट की
बूस्टिन का ऐसा टीका है, जिसे लोग पशुओं से ज्यादा दूध लेने के लिए करते हैं. जो एक तरह से प्रतिबंधित ही नहीं गैर कानूनी भी है. बूस्टिन टीका अमेरिका, पाकिस्तान सहित कई देशों में ये टीका चलता है लेकिन हमारे देश में इस टीके पर पाबंदी है.पशुपालक पशु को ये टीका देते हैं जिससे करीब 10 लीटर दूध तक ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे लोग किसानों को बेवकूफ बनाते हैं. लेकिन इस टीके को लगाने के बाद छह-सात दिन तक तो दूध खूब बढ़ जाता लेकिन फिर धीरे-धीरे दूध कम हो जाता है. लेकिन ऐसे पशु पालक दूध को बनाए रखने के लिए हर दस दिन में इस टीके को देते हैं. मगर, अब इस तरह के पशुओं की जांच डोप टेस्ट की तरह से किया जाएगा.

गड़बड़ी हुई तो छिनेगा खिताब
गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय से प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दलजीत सिंह सदरपुरा ने मांग की थी कि इंटरनेशनल डेयरी एंड एग्रो एक्सपो में भाग लेने वाले जानवरों पर नमूना लिया जाए, जिससे हार्मोन के दुरुपयोग का पता लगाया जा सके. अगर टेस्ट में जिस भी प्रतियोगिता जीतने वाले पशु का नमूना फेल हो जाता है तो उससे खिताब छीन लिया जाएगा. बता दें कि प्रतियोगिता से पहले मेले में आने वाले 55—60 पशुओं के सैंपल लेकर टेस्ट किया है.

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