नई दिल्ली. भारत में मीट खाने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसकी कई वजहे हैं. एक आंकड़े पर गौर किया जाए तो भारत में तकरीबन 70 से 75 फीसदी लोग किसी ने किसी तरह के मीट का सेवन कर रहे हैं. यानि उनकी थाली में मीट से बने व्यंजन हैं. कई रिपोर्ट के मुताबिक देश में लोग अपनी जरूरत के मुताबिक अलग-अलग तरह के मीट का सेवन कर रहे हैं. चिकन, गोट, मछली और बफैलो और एक अन्य पशु के मीट का इस्तेमाल देश में बढ़ा है. वहीं मछली और झींगा को पसंद करने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
देश में जितना मछली और झींगा का उत्पादन साल 2023 में किया गया था, उसमें झींगा और मछली एक्सपोर्ट सिर्फ 11 टन किया गया है और बाकी को भारतीयों ने चाव से खाया है. आंकड़े ये भी बताते हैं कि मछली को भी देश की तकरीबन 70 फीसदी आबादी अपने आहार में शामिल कर चुकी है. लोग अपनी हेल्थ लेकर और ज्यादा जागरुक हुए हैं. ये भी वजह है कि मीट का सेवन करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. चूंकि भारत में युवाओं की आबादी ज्यादा है और युवा ज्यादा मीट का सेवन कर रहे हैं तो आने वाले समय में इसकी डिमांड और बढ़ेगी.
160 लाख टन का हुआ प्रोडक्शन
फिशरीज डिमार्टमेंट के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो गुजरे साल 2023 में मछली का प्रोडक्शन बहुत ही अच्छा हुआ है. साल 2023 में भारत में 160 लाख टन मछली का उत्पादन किया गया था और 2023 में 10 लाख टन झींगा उत्पादन हुआ है. इसमें से 7 लाख टन झींगा एक्सपोर्ट किया गया और करीब 3 से 4 लाख टन मछली को एक्सपोर्ट किया गया है. इससे पता चलता है कि भारत में मछली को खाने वालों की संख्या भी ज्यादा है और इसे लोग अपने पसंदीदा भोजन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि मछली कारोबार आने वाले वक्त में और बढ़ेगा.
ज्यादा एक्सपोर्ट हुआ झींगा
वहीं अगर झींगा की बात की जाए तो इसका प्रोडक्शन कम होता है और इसको खाने वालों की संख्या भी कम है. यही वजह है कि 10 लाख टन उत्पादन में से 7 लाख टन एक्सपोर्ट कर दिया गया. जबकि 3 से 4 टन ही के आसपास भारत में इस्तेमाल किया गया है. दरअसल, चीन और अमेरिका जैसे देश में भारतीय झींगों की खूब डिमांड है. ये खाने में बेहद टेस्टी भी होते हैं. इसके चलते अक्सर भारत में झींगा की डिमांड बढ़ाने को लेकर कई संगठन मांग करते रहते हैं. हालांकि ये कहा जा सकता है कि भारत में मछली और झींगा खाने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
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