Home पोल्ट्री Poultry Farming News: जानें किस बीमारी में मुर्गियां नहीं ले पाती हैं सांस, ज्यादा होने लगती है मौत
पोल्ट्री

Poultry Farming News: जानें किस बीमारी में मुर्गियां नहीं ले पाती हैं सांस, ज्यादा होने लगती है मौत

poultry farming
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. मुर्गियों में कई खतरनाक बीमारी की लिस्ट में एस्परगिलोसिस भी शामिल है. ये फंगल बीमारी है जो मुर्गियों को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है. इस बीमारी में मुर्गियों को सांस लेने में तकलीफ होती है. इसके अलावा मुर्गियों में सुस्ती और बहुत ज्यादा मृत्यु दर दिखाई देती है. राजस्थान के पशुपालन विभाग की मानें तो इस बीमारी आंखों और तंत्रिका तंत्र को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे अंधापन और लकवा हो सकता है.

यह रोग मुर्गियों व टर्की दोनों में होता है. चूजे पैदा होते ही या हैविंग के समय इस रोग से ग्रसित हो जाते हैं. यह खास तौर पर श्वसन तंत्र से संबंधित होता है, परन्तु रक्त द्वारा अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है. यह नौ प्रकार का होती है, जिनमें से दो प्रकार ज्यादा नुकसादायक होता है.

बीमारी का कारण और लक्षण क्या है
यह रोग एस्परगिलोसिस फ्यूमिगेट्स नामक फंगस से होता है.

इस रोग में सभी अंग प्रभावित होते हैं, इसलिये लक्षण प्रभावित अंग पर निर्भर होते हैं.

नवजात चूजों में यह रोग तीव्र रूप में होता है, जिससे मृत्यु दर अधिक होती है.

तीव्र रूप को ब्रूडर न्यूमोनिया भी कहते हैं, जो कि 1-14 दिन की उम्र के चूजों में ज्यादा देखा गया है.

तीव्र रूप में चूजों में भूख बन्द होना, श्वसन गति बढ़ना, शरीर का तापक्रम बढ़ना, बैचेनी, दस्त इत्यादि लक्षण प्रमुख है.

पक्षियों के आंखों में भी असर होता है, आंखें सूज जाती है तथा पीला सा पानी एकत्रित हो जाता है.

लंबे समय तक तीव्र रूप वाले ही कम असरदार लक्षण होते हैं.

रोकथाम का तरीका क्या है
यह रोग फंगस के नमीयुक्त स्थानों/कूलर /बुरादे (लीटर) आदि में हो जाने से अंडों, चूजों को संक्रमित होते हैं.

बिछावन को गीला न होने दें व बुरादे में 1000 वर्ग फीट एरिया में 5 किलो चूना व 1 किलो बारीक पिसा हुआ नीला थोथा मिला देना चाहिए.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Vaccination reduces the use of antibiotics, hence reduce the AMR.
पोल्ट्री

Poultry Farming Disease: मुर्गी को लगे ज्यादा भूख और प्यास तो हो सकती है ये गंभीर बीमारी

कोक्सीडियोसिस नाम की बीमारी नौ तरह की होती है, जिनमें से दो...

पोल्ट्री

Poultry Farming: पोल्ट्री सेक्टर में मक्का कमी को पूरा करने के लिए इस संगठन ने सरकार से की ये मांग

अपने पत्र में एफसीआई द्वारा इथेनॉल उत्पादन के लिए आरक्षित 20 लाख...