Home पोल्ट्री Poultry: उदय सिंह बयास बोले-पोल्ट्री सेक्टर को दो बड़ी परेशानियों से मिले छुटकारा तो टॉप पर होगा प्रोडक्शन
पोल्ट्री

Poultry: उदय सिंह बयास बोले-पोल्ट्री सेक्टर को दो बड़ी परेशानियों से मिले छुटकारा तो टॉप पर होगा प्रोडक्शन

livestock animal news
पोल्ट्री इंडिया और इंडियन पोल्ट्री इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स संगठन के अध्यक्ष उदय सिंह बयास.

नई दिल्ली. पोल्ट्री इंडिया और इंडियन पोल्ट्री इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स संगठन के अध्यक्ष उदय सिंह बयास ने केंद्र और राज्य सरकारों से देश में पोल्ट्री सेक्टर को बढ़ावा देने की मांग की है. उन्होंने चारे की कीमतों में बढ़ोतरी और सेक्टर में कई समस्याओं की ओर इशारा किया है. जिसकी वजह से पोल्ट्री सेक्टर बुरे वक्त से गुजर रहा है. जबकि पोल्ट्री सेक्टर देश में पूर्ण खाद सुरक्षा हासिल करने में मदद करने के मामले में अहम भूमिका निभा रहा है. बावजूद इसके सरकारी पोल्ट्री सेक्टर को सीरियस नहीं ले रही हैं. बता दें कि हाल ही में आयोजित पोल्ट्री इंडिया की एनुअल जनरल बॉडी मीटिंग में भी उन्होंने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था.

उदय सिंह बयास ने कहा कि निवेश और रोजगार में पोल्ट्री सेक्टर अहम भूमिका निभाता है. बावजूद इसके इस सेक्टर को उद्योग का दर्जा नहीं मिला है, चिकन कॉप के लिए लाइसेंसी प्रक्रियाएं बहुत सख्त हैं. पोल्ट्री सेक्टर में सबसे बड़ी समस्या चारे की बढ़ती कीमतें हैं. मक्का और सोयाबीन की कीमतें हर साल दो से तीन फीसदी बढ़ रही है. वहीं मौसम बदलाव, कुछ मौसमों में खरीदारी में गिरावट और बीमारियों की वजह से उत्पादों में कमी जैसी समस्याओं का भी सामना सेक्टर को करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर सरकारें देश में पोल्ट्री सेक्टर को बढ़ावा देने का काम करें तो इससे तमाम परेशानियों का हल निकल सकता है.

सेक्टर के शीर्ष पर जानें में समस्याएं हैं रुकावट
उन्होंने कहा कि देश ने घरेलू से लेकर ब्रायलर और लेयर मुर्गियों के पालन में ग्रोथ हासिल की है. देश में 25 अंडा उत्पादक किसान और 10 लाख बॉयलर चिकन उत्पादक किसान हैं. सालाना 5 मिलियन बॉयलर मांस और 118 बिलियन अंडों का उत्पादन किया जा रहा है. जिसकी वजह से सकल राष्ट्रीय उत्पाद GDP में पोल्ट्री सेक्टर की हिस्सेदारी 1.35 लाख करोड़ रुपए हो गई है. इतना नहीं भारत अंडा उत्पादन के मामले में दुनिया भर में तीसरी स्थान पर है और बॉयलर चिकन मांस उत्पादन में चौथे स्थान पर है. हर साल यह सेक्टर 7 से 8 फीसदी की दर से ग्रोथ कर रहा है. पोल्ट्री सेक्टर में और ऊंचाई पर जाने की तमाम संभावनाएं हैं, लेकिन इसकी तमाम समस्याएं, इसमें रुकावट बन रही हैं.

फलाई जाती हैं अफवाहें
उदय सिंह बयास ने कहा कि अंडे-चिकन के साथ-साथ इस सेक्टर को लेकर तमाम अफवाहें फैलाई जाती हैं. कहा जाता है कि पोल्ट्री फार्म में प्रदूषण फैलता है. जबकि ऐसा नहीं है. कई आधुनिक तकनीक की मदद से हम इस बात का ध्यान रखते हैं कि बदबू न आए. अफवाहें कि कि मुर्गियों में स्टेरॉयड का प्रयोग जहर है जो कि बिल्कुल भी सच नहीं है. जबकि हर एक स्टेरॉयड की कीमत हजारों रुपए में होती है. इस वजह स्टेरॉयड का हर मुर्गी में इस्तेमाल संभव ही नहीं है. उन्होंने कहा कि हम अफवाहों के खिलाफ लीगल एक्शन लेने के तैयारी कर रहे हैं. आगे कहा कि पोल्टी किसानों के लिए निवेश, दवाएं, वैक्सीनेशन, चारे की खरीद, बिजली का दवा, मुर्गियां-अंडों का संरक्षण और परिवहन बोझ बनता चला जा रहा है.

अंडा-चिकन की कीमतों में नहीं हो रहा है इजाफा
उन्होंने कहा कि चिकन की कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ रही हैं. जबकि इसकी अपेक्षा मटन और मछली की कीमतों में बहुत उछाल आया है. इतना ही नहीं एक अंडा भी 6 से 7 रुपए में ही मिलता है. जबकि मटन और मछली के मुकाबला हर किसी को चिकन को प्राथमिकता देनी चाहिए. क्योंकि यह पकाने में आसान और उच्च पोषण भी देता है. अगर सरकारें इस ओर ध्यान दें तो चिकन-अंडा को जरूरी स्थान मिल सकता है. जबकि इसका प्रोडक्शन भी बढ़ सकता है. उन्होंने मांग की की अंडे को मिड डे मील में हफ्ते में 6 दिन शामिल किया जाए, ताकि अंडा कारोबारी को इसका सही दाम मिल सके.

फीड की कमी से जूझता है सेक्टर
उदय सिंह बयास ने कहा कि पोल्ट्री सेक्टर में लगातार निवेश के बावजूद उचित दाम न मिलने से मुर्गी पालकों को नुकसान होता है. इस क्षेत्र में 18 मिलियन टन मक्का और 5.5 मिनट सोया की खपत होती है. इसलिए हमेशा ही वह किसानों से अपील करते हैं कि बड़े पैमाने पर इन फसलों की खेती करें. ताकि सेक्टर को फीड की समस्या से न जूझना पड़े. उन्होंने बताया कि हर साल के आखिरी में पोल्ट्री इंडिया एक बड़ा एक्सपो आयोजित करती है. ताकि पोल्ट्री सेक्टर की तमाम समस्याओं को सबके सामने रखा जा सके.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles