नई दिल्ली. सरकार की मंशा है कि पशुपालन के जरिए किसानों की आय को बढ़ाया जाए. इसके लिए सरकार की ओर तमाम प्रयास किये जाते हैं. पशुपालकों को लोन दिया जाता है और जरूरत पड़ने पर दूसरी तरह से भी मदद की जाती है. इसी क्रम में केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर की ओर से नार्थ ईस्ट राज्य त्रिपुरा में ब्राइलर खरगोश ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया था. इस ट्रेनिंग कार्यक्रम के अलावा जरूरी सामानों को भी बांटा गया. इसमें पहले से सेलेक्ट किये गये 30 लाभार्थी को केवीके ऊनाकोटी की मदद से किया गया है.
अधिकारियों की ओर से बताया गया गया है कि इससे किसानों को फायदा होगा और उनकी इनकम में भी इजाफा होगा. किसानों को खरगोश पालन करने के लिए ट्रेनिंग भी दी गई है ताकि उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत न आए.
खरगोश का फीड बांटा गया
भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद के संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर तहसील मालपुरा जिला टोंक (राजस्थान) और कृषि विज्ञान केंद्र जिला ऊनाकोटी (त्रिपुरा) के सहयोग से ये ट्रेनिंग प्रोग्राम आयेाजित किया गया था. ट्रेनिंग प्रोग्राम अविकानगर संस्थान की नार्थ ईस्ट उपयोजना (एनईएच) के जरिए से केवीके ऊनाकोटी त्रिपुरा राज्य के लोकल किसानों की आजीविका बढ़ाने के मकसद से आयोजित किया गया था. इस दौरान ब्रायलर खरगोश पालन को बढ़ावा देने के लिए 124 खरगोशों, खरगोश पिंजरा, खरगोश फीड, सब्जियां के बीज का वितरण संस्थान निदेशक डॉ अरुण कुमार के मार्गदर्शन में किया गया. जिसमें एक किसान परिवार को एक नर खरगोश, दो मादा खरगोश, तीन खरगोश पिंजरा, 25 किलो खरगोश फीड दिया गया.
किसानों को दी गई अहम जानकारी
अविकानगर संस्थान की नार्थ ईस्ट उपयोजना के सहयोग से केवीके उनाकोटी में खरगोश इकाई प्रदर्शन के लिए बनाई गई. केवीके में 3 दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम 10 से 12 नवंबर तक आयेाजित किया गया था. संस्थान से आए वैज्ञानिको द्वारा जिसमें 30 किसानों को खरगोश पालन को लेकर ट्रेनिंग दी गई. संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. रणजीत सिंह गोदारा नोडल अधिकारी नार्थ ईस्ट उपयोजना और डॉ अरविंद सोनी ने कोआर्डिनेट करते हुई किसानों को खरगोश पालन की डिटेल जानकारी दी. ट्रेंनिंग प्रोग्राम खरगोश आधारित एकीकृत बैकयार्ड जैविक खेती प्रणाली में ऊनाकोटी के जिला प्रमुख अमलेंदु दास, डिप्टी डायरेक्टर एनिमल हसबेंडरी डॉ आरडी बुर्कायस्थ, केवीके उनाकोटी से इंचार्ज बिस्वजीत बाल, डॉ चंद्रा देबबर्मा, डॉ रतन दास उपस्थित रहे. अविकानगर संस्थान केे निदेशक डॉ. अरुण कुमार के दिशा निर्देश में ये पहला ब्रॉयलर खरगोश पालन ट्रेनिंग कार्यक्रम त्रिपुरा राज्य के 30 किसानों के लिए किया गया था. निदेशक डॉ. अरुण कुमार ने नार्थ ईस्ट के राज्यों में ब्रॉयलर खरगोश को बढ़ावा देने के लिए आगे भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही.
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