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Animal Husbandry: यहां पढ़ें राष्ट्रीय गोकुल मिशन का पशुपालकों को क्या-क्या मिला फायदा

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने बताया कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन को दिसंबर 2014 में विशेष रूप से वैज्ञानिक मेथड पर देशी बोवाइन नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए शुरू किया गया था. उन्होंने बताया कि इस योजना का कई फायदा भी हुआ है. जिसके तहत देश में पहली बार किसानों के दरवाजे पर एआई सेवाएं मुफ्त में दी गई. अब तक 7.53 करोड़ पशुओं को कवर किया गया है. 9.15 करोड़ कृत्रिम गर्भाधान किया गया है और कार्यक्रम के तहत 5.4 करोड़ किसानों को फायदा मिला है. देश में पहली बार बोवाईन आईवीएफ को बढ़ावा दिया गया है और देश में आईवीएफ तकनीक को बढ़ावा देने के लिए 22 आईवीएफ व ईटी लैब शुरू किया गया है.

उन्होंने बताया कि गोगुल मिशन के तहत देश में पहली बार 90 फीसदी सटीकता के साथ बछड़ियों के उत्पादन के लिए देशी नस्लों हेतु सेक्स सॉर्टेड सीमेन उत्पादन की सुविधा तैयार की गई है. 5 सरकारी सीमेन स्टेशनों पर सेक्स सॉर्टेड सीमेन उत्पादन का प्रोडक्शन सृजन किया गया है और देश में 100 लाख सेक्स सॉर्टेड सीमेन की खुराक का उत्पादन किया गया है. निजी क्षेत्र में 3 सीमेन स्टेशन (मेहसाणा डेयरी, बीएआईएफ और चितले डेयरी) हैं. डीएनए आधारित चयन के लिए जीनोमिक चिप विकसित की गई है और इस चिप के साथ ही उच्च आनुवंशिक गुणवत्ता वाले पशुओं को कम उम्र में चुना जाता है. जीनोमिक चयन की विश्वसनीयता में सुधार करने के लिए एनबीएजीआर, एनआईएबी और एनडीडीबी के पास उपलब्ध आंकड़ों के संयोजन के बाद सामान्य चिप विकसित की गई है.

डिजिटल इकोलॉजी सिस्टम शुरू हुआ
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि किसानों के दरवाजे पर प्रजनन इनपुट देने के लिए ग्रामीण भारत में मल्टीपर्पज एआई तकनीशियनों को शामिल किया गया है. पिछले 3 वर्षों में 38736 मैत्री शामिल किए गए हैं. पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने “भारत पशुधन” नाम का डेटाबेस विकसित किया है. यह डिजिटल इकोलॉजी सिस्टम दिनांक 2 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया था. इस प्रणाली ने बेहतर लक्ष्य सुनिश्चित करते हुए हमारे किसानों को योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने के लिए मजबूत बनाया है. भारत पशुधन में पशुधन रोगों की रोकथाम, भविष्यवाणी, प्रतिक्रिया और उपचार के लिए एकीकृत रोग निरीक्षण और निगरानी प्रणाली है. वर्तमान में क्षेत्र अधिकारियों और श्रमिकों द्वारा 50 करोड़ से अधिक लेनदेन प्रणाली में दर्ज किए गए हैं.

क्या है राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने बताया कि महिलाएं अब सहकारी सदस्यों का लगभग 32 प्रतिशत हिस्सा हैं. सहकारी डेयरी क्षेत्र में दूध प्रोसेसिंग क्षमता में इजाफा देखा गया है. जो 555.63 लाख लीटर प्रति दिन (वर्ष 2014-15 में) से लगभग दोगुनी होकर 1033 लाख लीटर प्रति दिन (वर्ष 2023-24 में) हो गई है, और इसी तरह, कूलिंग क्षमता को भी इसी अवधि के दौरान 391 लाख लीटर प्रति दिन से बढ़ाकर 819 लाख लीटर प्रति दिन कर दिया गया है. वैल्यू एडेड प्रोडक्ट की हिस्सेदारी में भी वृ‌द्धि देखी गई है, जो इसी पीरियड के दौरान 20 फीसदी से बढ़कर 30 फीसदी हो गई है. इसके अलावा, दुधारू पशु के भोजन और पोषण की मांग को पूरा करने के लिए प्रति दिन 2447 मीट्रिक टन की क्षमता वाले 87 पाउडर संयंत्र, प्रति दिन 21,000 मीट्रिक टन की प्रसंस्करण क्षमता वाले 80 पशु चारा प्लांट भी है.

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