नई दिल्ली. मुर्गी पालन करने पर अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है. रूरल एरियाज में खासतौर पर बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग होती है. यहां घर—आंगन में लोग मुर्गियों को पालते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि गांवों में मुर्गी पालन के लिए उपयुक्त पक्षी, पोल्ट्री उद्योग और देशी मुर्गियों से उपलब्ध पक्षियों से अलग हैं. गांवों में मुर्गी पालन पक्षियों में इन दोनों बताए गए समूहों के जरूरी लक्षण होने चाहिए. उन्हें देशी किस्मों की तुलना में बहुरंगी पंख वाला और अधिक संख्या में अंडे और मांस का प्रोडक्शन देने वाले होना चाहिए. इसलिए, उचित और बलशाली कुक्कुट किस्मों को विकसित करना आवश्यक है.
एक्सपर्ट के मुताबिक जिनके लिए कम निवेश फीड खाद्य, रोग प्रबंधन आदि की आवश्यकता होती है. घर-आंगन व मुक्त क्षेत्र परिस्थितियों में पनपते और जीवित बचे रह सकते हैं. परभक्षी के खतरे, मुश्किल और अलग-अलग मौसम परिस्थितियों, बीमारियों की चुनौतियों, उपभोक्ता वरीयता, संतुलित और महंगे फीड की कमी आदि कुछ मुद्दों पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है. इस तरह के इलाकों में मुक्त क्षेत्र, घर-आंगन पालन के लिए उपयुक्त पक्षियों को विकसित करने के लिए कुछ जरूरी चीजें करनी चाहिए. आइए इसके बारे में डिटेल से जानते हैं.
क्या विशेषता होनी चाहिए, पढ़ें यहां
अट्रैक्टिव कई रंगों वाले पंख होने चाहिए.
बीमारी से लड़ने की क्षमता. ताकि बेहतर उत्पादन मिल सके.
पोषण के निम्न स्तर पर भी अच्छा प्रोडक्शन करें.
कम निवेश की आवश्यकता होनी चाहिए. कम देखभल की जाए.
ज्यादा से ज्यादा अंडे देने की क्षमता होनी चाहिए.
देशी मुर्गी जैसा रंग होना चाहिए.
भूरे रंग के अंडों का उत्पादन.
शैंक की लंबाई पक्षियों की परभक्षियों से भागने में मदद करती है.
देशी मुर्गी की तुलना में ज्यादा ग्रोथ.
अलग-लग मौसम में अच्छी तरह से जीवित रहना और अच्छा प्रदर्शन करना.
बीमारी से लड़ने की होती है क्षमता
सरकारी संस्थान ने प्रोसेसिंग, पोषण, प्रबंधन और स्वास्थ्य देखभाल के लिए तीन प्रकार की मुर्गियों की प्रजातियां वनराजा, ग्रामप्रिया और कृषिब्रो मुक्त क्षेत्र ग्रामीण कुक्कुट पालन के लिए विकसित की हैं. कृषिब्रो एक बहुरंगी पक्षी है, जो कम निवेश सहित अधिक क्षमता वाले मांस उत्पादन और यहां तक कि सब आप्टिमल पोल्ट्री फार्मिंग की स्थिति प्रदान करता है जो ग्रामीण परिस्थितियों के तहत प्रचलित है. उच्च चयन तीव्रता को लंबे शैंक, रंगीन पंख, अंडा उत्पादन और उच्च सामान्य रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए माना जाता था. ये पक्षी कम पोषक तत्व सांद्रता और रेशों वाले फीड पर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
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