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Animal News: इस राज्य में अब बेसहारा पशुओं की वजह से नहीं होंगे रोड एक्सीडेंट, उठाया ये बड़ा कदम

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. यह बात फैक्ट है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर बेसहारा घूम रहे हैं और इन पशुओं की वजह से आए दिन रोड एक्सीडेंट हो रहे है. जिसमें अधिकतर गोवंश हैं. इसके चलते न सिर्फ पशुओं की मौत के मामले सामने आते हैं, बल्कि आम इंसान भी इस हादसे में अपनी जान गवा देते हैं. जिसे रोकने के लिए कई सरकारें काम कर रही हैं. इसी क्रम में राजस्थान में भी बड़ा और अहम फैसला लिया गया है. ताकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर पशु के कारण आए दिन हो रहे हादसों को रोका जा सके.

बताया जा रहा है कि एनएचएआई ने राजस्थान में पायलट प्रोजेक्ट के तहत अनूठी पहल करते हुए समस्या का समाधान ढूंढने के लिए एक कदम आगे बढ़ाया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर बेसहारा पशुओं के लिए कैटल होम बनाने की तैयारी है. ताकि इसमें बेसहारा पशुओं को रखा जा सके और वो रोड पर न घूमें ताकि आए दिन हो रहे रोड एक्सीडेंट को रोका जा सके.

रोड एक्सीडेंट में आएगी कमी
आमतौर पर राष्ट्रीय राजमार्गों पर भटकते हुए चारा-पानी की तलाश में पशु देखे जाते हैं. कई बार रोड पर अचानक से उनकी आ जाने के चलते एक्सीडेंट भी होता है. पशु कभी रोड क्रॉस करते हैं तो कभी रोड के बीचों बीच चलते हैं. इससे हाईवे पर ट्रैफिक की समस्या भी होती है. वहीं लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में भी देर होती है. इन सब समस्याओं को देखते हुए अब कैटल होम बनाए जाएंगे. जहां पशुओं को रखा जाएगा. जिससे हाईवे पर पशुओं के कारण होने वाले हादसे में कमी आने की उम्मीद की जा रही है. वहीं से यात्रियों की यात्रा भी सुगम होगी. जबकि उनकी सुरक्षा और पशुओं की सुरक्षा भी बढ़ेगी.

यात्रियों को और पशु दोनों को मिलेगा फायदा
कहां जा रहा है कि कैटल होम का निर्माण 0.21 से 2.2 हेक्टेयर जमीन पर होगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत एनएच-334बी के उत्तर प्रदेश और हरियाणा सीमा से रोहना खंड तक को शामिल किया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कैटल होम का निर्माण खरखोदा बाईपास के साथ होगा. इसी तरह एनएच 148 बी के भिवानी हांसी खंड पर हांसी बाईपास एनएच 21 के किरतपुर नेयर चौक खंड तथा एनएच 112 पर जोधपुर रिंग रोड के डांगियावास से जाजीवाल खंड पर बेसहारा पशुओं के लिए कैटल हम बनाए जाएंगे. जानकार कह रहे हैं कि पशुओं के कारण होने वाले एक्साीडेंट इससे रुकेंगे. रोड पर सुरक्षा को बढ़ाकर यात्रियों के लिए सुरक्षित मार्ग बनाया जाएगा. वहीं इससे पशुओं की देखभाल और मानवीय आवश्यकता को भी पूरा किया जा सकेगा.

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