नई दिल्ली. ये बात तो फैक्ट है कि मछली पालन करके अच्छी कमाई की जा सकती है, लेकिन कैसे ये सभी को मालूम नहीं होता है. क्या आप मछली पालक हैं या फिर इस काम को करने की सोच रहे हैं तो यहां हम आपको बताएंगे कि कैसे छोटे तालाब में भी मछली पालन करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. उस तालाब का एरिया कितना होना चाहिए. जिसमें अच्छा कल्चर हो, कौन सी मछली पालनी चाहिए. एक्स्पर्ट के मुताबिक मछली पालक को इन बातों की जानकारी भी होना बेहद ही जरूरी है. तभी मछली पालन में फायदा मिलता है.
फिश एक्सपर्ट का कहना है कि जिस भी किसान के पास बहुत कम जमीन होती है तो वो सोचते हैं कि वह मछली पालन कैसे करें, करें या ना करें. क्योंकि उन्हें इस बात का डर रहता है कि कहीं वह असफल न हो जाएं. मछली पालक भी यह चाहते हैं कि छोटे तालाब में मछली पालन करके पहले अनुभव हासिल कर लिया जाए. जब एक बार मछली पालन का अनुभव होने हो जाए तब बड़े पैमाने पर मछली पालन करें, ताकि ज्यादा मुनाफा कमाया जाए.
छोटे तालाब इन मछलियों को न पालें
अगर आप छोटे तालाब में मछली पालन करना चाहते हैं तो मिनिमम आप एक हजार स्क्वायर फीट में तलाब बनाकर फिश फार्मिंग कर सकते हैं. अगर इससे भी कम जगह आपके पास है तो मछली पालन न करें. क्योंकि इसमें तब आपको उतनी सफलता नहीं मिलेगी, कई बार किसान ये करते हैं कि छोटा तालाब बनवा देते हैं और उसमें आईएमसी मछलियां डाल देते हैं. क्योंकि तालाब छोटा रहता है. इसलिए मछलियां उसमें छोटी ही रह जाती हैं. उनकी ग्रोथ नहीं होती है. कभी भी छोटे तालाब में आईएमसी मछलियों का पालन नहीं किया जाना चाहिए. ऐसे में नुकसान होने का खतरा ज्यादा है. क्योंकि मछलियों को दौड़ने की जगह की जरूरत होती है. जब उन्हें दौड़ने जगह नहीं मिलेगी तो उनकी ग्रोथ अच्छी नहीं होगी.
इन मछलियों पालें, होगा मुनाफा
अगर आप छोटे तालाब में मछली पालन करना चाहते हैं तो पंगेसियस मछली को पाल सकते हैं. इसकी ग्रोथ भी अच्छी होती है और यह कम देखरेख में में भी आसानी के साथ पल जाती है. वहीं प्यासी मछली को भी आप पाल सकते हैं. जबकि देसी मांगुर को भी आप छोटे तालाब में पाल सकते हैं. हाइब्रिड मांगुर का पालन भारत में नहीं होता है, लेकिन देसी मांगुर को पाला जा सकता है. सिंघी मछली का पालन भी कर सकते हैं. इससे भी अच्छा खासा मुनाफा होगा जो हाई डेंसिटी की मछलियां हैं उसमें ज्यादा मुनाफा मिलता है.
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