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Turkey Farming: इस ट्रिक से करें टर्की पालन, होगा मुनाफा ही मुनाफा

मुर्गी की तुलना में टर्कियों की एनर्जी, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल संबंधी जरूरत है ज्यादा होती हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग में टर्की पालन भी आता है. अक्सर इसका पालन मीट के लिए किया जाता है. मुर्गी पालन, मछली पालन के साथ टर्की पालन भी अच्छी इनकम का जरिया बन चुका है. टर्की के अंडे, मीट अच्छी इनकम देता है. एक नर टर्की 14 से 15 सप्ताह में बिक्री के लिए तैयार हो जाता है और मादा टर्की 17 से 18 सप्ताह में बिक्री कर सकते हैं. नर टर्की का वजन साढ़े सात किलो के आसपास होता है तो मादा वजन में हल्की होती है. टर्की पालन में मुर्गियों जैसी देखभाल की जरूरत होती है. हालांकि मुर्गी पालन से अच्छी आमदनी टर्की पालन में हो जाती है. टर्कियों को खाने में मिश्रित भोजन मेस फीड और टिकिया के रूप में भोजन यानी पैलेट फीडिंग दी जाती है.

अगर आप भी टर्की पाल रहे हैं, तो जानिए कि इनका मीट और अंडे के बारे में. वहीं इनके खाने में क्या-क्या चीज शामिल है, जिससे उनकी ग्रोथ अच्छी हो और आपको टर्की पालन में अच्छी कमाई मिल सके. मुर्गी की तुलना में टर्कियों की एनर्जी, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल संबंधी जरूरत है ज्यादा होती हैं. टर्की पालन के दौरान कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद ही जरूरी होता है.

मुर्गी से ज्यादा होती है प्रोटीन: मुर्गी पालन में काम आने वाले खाने पीने के उपकरणों को टर्की के लिए भी प्रयोग कर सकते हैं. हालांकि जरुरत पड़ने पर इनमें कुछ बदलाव भी किया जा सकता है. टर्की में मुर्गी की तुलना में भरपूर प्रोटीन, अमीनो एसिड, विटामिन्स, मिनरल की जरूरत होती है. मुर्गी को दिए जाने वाले फीड के अलावा प्रोटीन सोर्स मिलाकर भी टर्की को भोजन देते हैं. टर्की को हरी घास काट कर भी खाने के साथ दे सकते हैं. टर्की को पीने के पानी की उचित व्यवस्था 24 घंटे उपलब्ध होनी चाहिए.
इन्हें हमेशा साफ पानी दें.

टर्की को चाहिए गर्म वातावरण: मुर्गी की तुलना में टर्की को कुछ गरम वातावरण चाहिए होता है. अंडे सेने के लिए ब्रूडर्स काम में लिए जा सकते हैं. ब्रूडर के लिए पहले सप्ताह में तापमान 95 डिग्री फारनेहाइट रखा जाता है. इनके बाद ब्रूडर का तापमान प्रति सप्ताह 5 फारनेहाइट तक कम किया जाता है जब तक कि यह 70 डिग्री फारनेहाइट तक नहीं पहुंच जाए.

ऐसे रोके टर्की में ये बीमारियां: टर्की में होने वाली ज्यादातर बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक होता है. हालांकि कभी—कभी पानी नहीं पीने के कारण ये मर जाती हैं. टर्की में रानीखेत और फाउल कोलेरा के लिए ही वैक्सीनेशन किया जाता है.

ऐसे होती है नर और मादा की पहचान: टर्की के लिए लिंग निर्धारण आसान नहीं होता है. अंडे से बाहर निकलने पर चूजे में वेंट को देखकर. नर, मादा की तुलना में वजन में कुछ ज्यादा होता है. चोंच के आधार के पास जो स्नूड होता है वह नर में ज्यादा बड़ा लचीला और गद्देदार होता है. जबकि मादा में यह छोटा, पतला एवं लचीला होता है.

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