नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की सरकार ने किसानों के लिए एक बेहतरीन योजना की शुरुआत की है. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से प्रदेश के किसानों को गाय की खरीदारी पर अनुदान दिया जाएगा. यह मदद मुख्यमंत्री स्वदेशी गाय संवर्धन योजना के तहत दी जाएगी. किसानों को अन्य प्रदेशों से उन्नत नस्ल की स्वदेशी गायों गिर, साहीवाल, थारपारकर और हरियाणा प्रजाति की खरीदारी करने पर 80 हजार रुपये तक की आर्थिक मदद की जाएगी. बताया जा रहा है कि पशुपालकों के लिए इस योजना में अधिकतम दो गायों की एक पशुपालन इकाई वाले ही पात्र होंगे.
गौरतलब है कि नंद बाबा मिशन के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी को संवर्धन योजना का उद्देश्य प्रदेश में स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों की संख्या को और उनकी नस्ल को बढ़ाना है. ताकि मिल्क प्रोडक्टिविटी और उत्पादन में प्रदेश सबसे आगे रहे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना के तहत स्वदेशी नस्ल की गाय पालन के लिए 10 से 15 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि डीबीटी के जरिए किसानों के खाते में दी जाएगी. नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत गोवंश पशुपालन पशुओं में नस्ल सुधार और दूध उत्पादकता बढ़ाने के लिए 25 गायों की डेयरी स्थापित करने के लिए 31.25 लख रुपये तक प्रति इकाई अनुदान का प्रावधान किया गया है.
दो गायों के पालन पर मिलेगी मदद
पशुपालकों को योजना के लिए 17 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा. तभी वह इस योजना का फायदा उठा पाएंगे. बताते चलें कि मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना पहले से ही चल रही है. गाय पालने वाले पशुपालक और गाय पालने की इच्छा रखने वाले इन दोनों योजनाओं का फायदा उठाकर अपनी इनकम बढ़ा सकते हैं. डेयरी किसानों को देशी नस्ल साहीवाल, गिर गंगातिरी और थारपारकर गााय का पालन करना होता है. इसके पालन के लिए दी जाने वाली रकम दो गायों के पालन पर देय है. योजना का फायदा उठाने के लिए नजदीकी पशुपालन विभाग में जाकर अधिकारियों से संपर्क करना होगा. इसके साथ ही योजना की जानकारी ऑनलाइन भी की जा सकती है.
योजना का फायदा लेने के क्या करना होगा
बता दें कि अनुदान के लिए छह मदों में क्रमशः भारतीय नस्ल की दो गाय हरियाणा साहीवाल, थारपारकर और गिर की खरीद की रसीद, ट्रांजिस्ट बीमा की रसीद, भाड़े की रसीद, 3 साल के लिए बीमा की रसीद, चारा काटने वाली मशीन की खरीद की रसीद, गायों के रखरखाव के लिए पशु से निर्माण के खर्च के बिल बाउचर को देना होगा. इसके अलावा आवेदन के साथ संलग्न फार्म को मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जमा किया जाएगा. साथ ही दो गायों की स्थापित की जाने वाली इकाई की अधिकतम लागत दो लाख रुपये होनी चाहिए. योजना के तहत अनुदान की धनराशि 40 फीसदी अधिकतम धनराशि 80 हजार रुपए दी जाएगी.
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