बरेली. आईसीएआर-आईवीआरआई, इज्जतनगर, बरेली में पालतू पशुओं एवं कुक्कुटों के उदीयमान रोगों के निदान एवं नियंत्रण पर वेटरनरी पेथौलोजी कांग्रेस-2023 का समापन शुक्रवार को हो गया. इसमें देश के पधारे 250 जाने-माने विशेशज्ञों ने भाग लिया. इस मौके पर उत्कृष्ट शोधकत्ताओं को पुरस्कृत भी किया गया.
शोधकर्ताओं को किया पुरस्कृत
कान्फ्रेस का आयोजन भारतीय पशु चिक्तिसा विकृति विज्ञानी सांघ (आईएवीपी) तथा इांडियन कालेज ऑफ वटे नरी पेथोलोजजस्टस (आईसीवीपी) के सांयुक्त तत्वाधान में हुआ. इस अवसर पर इांडियन एशोंससयन ऑफ वेटरनरी पैथालोजिस्ट (आईएवीपी) का 40वााँ वावषिक अचधवेशन, इांडियन कालेज ऑफ वेटरनरी पैथालोजजस्टस (आईसीवीपी) के 14वााँ वार्षिक अधिवेशन के साथ-साथ “एवाांसेस इन वेटरनरी पैथालोजी फार डायग्नोसिस एंड कंट्रोल ऑफ इमजिंग डिसेजेस आफ लाइवस्टाक एंड पोल्ट्री विषय पर एक राष्ट्रीस सिंपोजियम का भी समापन हुआ, जिसमें देश के पधारे 250 जाने—माने विशेशज्ञों ने भाग लिया. इस मौके पर उत्कृष्ट शोधकत्ताओं को पुरस्कृत भी किया गया.
सफलता का मूल मंत्र है-कठिन परिश्रम
इस अवसर पर बोलते हुए विशिष्ठ अतिथि सेवातनवत्तृ कार्यवाहक संयुक्त निदेशक डॉ. प्रभाकर द्विवेदी ने भारतीय विकृत विज्ञानियों की प्रसंशा की. उन्होंने युवा शोधार्थियों के कार्य एवं शोध उपलब्धियों को भी सराहा. उन्होंने कहा कि सफलता का मूल मंत्र है-कठिन परिश्रम और तत्परता से कार्य करते रहना. वेटनरी पैथालोजी काांग्रेस में बोलते हुए इसके अध्यक्ष एवां कुलपति, शेरे कश्मीर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जम्मू के डॉक्टर बीएन त्रिपाठी ने पैथोलाजी कान्फ्रेस में प्रस्तुत शोधपत्रों एवं चर्चाओं पर सांतोष प्रकट किया. उन्होंने यह भी कहा कि हमें शोध व्याख्यानोंपर कुछ नोट कर लेना चाहिए , जिससे भविष्य में उनके आधार पर अपना शोघ कार्यक्रम बना सकें. डॉक्टर त्रिपाठी ने बताया कि 41वीां वैटरनरी कांफ्रेंस जो कि नवंबर 2024 में प्रस्तावित है, के लिए प्रतिभागियों को शेरे कश्मीर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मू में आमांत्रित किया.
केस प्रस्तुतत प्रतियोगिता के परिणाम घोषित
इांडियन कालेज ऑफ वेटनरी पैथोलोजजस्ट के अध्यक्ष डॉरु व्यास एम. सिंगटगेरी ने कहा कि अभी आईसीवीपी कार्यक्रम का समापन नहीं हुआ है और 23 दिसंबर को एक कार्यशाला का आयोजन होगा जिसमें व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि युवा विकृत विज्ञानी अपने उत्तम भविष्य के सलए आईसीवीपी डिप्लोमेट परीक्षा पास कर सकें. आईसीवीपी के सचिव डॉ. आर.वी.एस. पवैया ने केस प्रस्तुतत प्रतियोगिता के परिणाम घोषित किए और उन्हें विशिष्ठ अतिथि द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया.
250 शोध पत्र प्राप्त हुये
आईएवीपी के सचिव डॉ. जी.ए. बालासुब्रमण्यम ने पैथोलोजी कान्फ्रेंस की पूर्ण रिपोर्ट को प्रस्तुत करते हुए बताया कि इसमें 250 शोध पत्र प्राप्त हुये थे जिनमें से 100 पोस्टर सत्र में प्रस्तुत किए गए. आंगतुकों ने शोध पत्र की नवीन उपलब्धियों तथा पोस्टरप्रस्तुततयों की प्रशांसा किया. उन्होंने आईएवीपी के करीब 30 से अधिक पुरस्कार के पररणामों की घोषणा की तथा विशिष्ठ जनों ववजेताओां को पुरस्कृत किया. इस वर्ष की आईएवीपी फै लोसशप सेलेसीह, आईजोल, मिजोरम के डॉ. टी.के . राजखोआ को प्रदान की गई.इससे पूवि स्वागत भाषण देते हुए आयोजन सचिव एवां सांयुक्त- निदेश कैडराड डॉ.के .पी. ससांह ने कहा कि पैथोलॉजी कांफ्रेंस के कार्यक्रम को सफल बताया तथा इसकी तकनीकी जानकारी प्रदान की. कार्यक्रम का का संचालन डॉ. फिरदौस द्वारा किया गया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ. एम. सामीनाथन द्वारा दिया गया.
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