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Fisheries: UP में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए वेबसाइट हुई लॉन्च, जानें कैसे मिलेगा मछुआरों को फायदा

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. देशभर में मछली पालन को बढ़ावा मिला है. इससे न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को बल मिला है. बल्कि किसानों को आजीविका चलाने का भी जरिया मिला है और बहुत से बेरोजगारों को रोजगार भी उपलब्ध हुआ है. जबकि मछली प्रोडक्शन में इजाफा हुआ है. अब मछली पालन को उत्तर प्रदेश में भी बढ़ावा देने के लिए सरकार जुट गई है. इसको लेकर यूपी के मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने वेबसाइट लॉन्च की है. ताकि ज्यादा से ज्यादा मछली पालकों और इस काम को करने वाले समुदाय के लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके.

वेबसाइट के लॉन्चिंग के मौके पर उन्होंने कहा कि अब मछली पालन की योजनाओं को चलाने में आसानी होगी. मछली पालकों को निदेशालय तक दौड़ लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्हें घर बैठे की योजनाओं का लाभ मिलेगा. मंत्री संजय निषाद ने इस वेबसाइट को लेकर गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया और कहा कि इससे बहुउद्देशीय मछली पालक समितियों के गठन का भी रास्ता साफ हुआ है. तालाबों का ठेका पट्टा स्थानीय समितियों को ही मिलेगा. समितियों के पंजीकरण का कार्य अब ऑनलाइन हो सकेगा.

बन चुकी हैं 1135 समितियां
उन्होंने कहा कि निषादराज बोट योजना में भी बदलाव लाया गया है. अब कोई भी मल्लाह अपनी खुद की नाव बनाकर योजना का लाभ ले सकेगा. ऑनलाइन फोटो अपलोड करके डीबीटी से योजना का फायदा मिलेगा. मंत्री संजय निषाद ने जिस समितियों का जिक्र किया है, ऐसी 1135 समितियां उत्तर प्रदेश में गठित हैं. अब अभियान चला कर जलधारा पर 565 समितियां का गठन कराए जाने का प्लान है. जिससे लगभग 16000 मछुआ समुदाय के लोगों को जोड़ा जाएगा और उन्हें इससे रोजगार मिलेगा. हर न्याय पंचायत में समिति का गठन होगा. इसके लिए पोर्टल पर आवेदन करना होगा.

समिति के लिए कौन कर सकता है आवेदन
पंजीकरण के बाद प्रस्तावित समिति गठन के लिए तीन बैठकों की डिटेल देनी होगी. हर समिति के गठन के लिए कम से कम 27 सदस्यों का होना अनिवार्य है. इन सदस्यों में तीन सदस्य अनुसूचित जाति के होंगे. इसमें 6 महिलाओं का होना जरूरी है. समिति के साधारण सदस्यता केवल ऐसे व्यक्तियों के लिए खुली होगी. जिसका चरित्र अच्छा होगा और मेंटली रूप से वह ठीक होगा. उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. समिति के कार्य क्षेत्र की बात की जाए तो मछली पकड़ना आता हो, पालने का कार्य जो जानता हो तो वही इसमें शामिल हो सकता है. सभी सदस्यों को अपना आधार कार्ड मोबाइल नंबर भी देना होगा. एक परिवार का सिर्फ एक सदस्य ही समिति का सदस्य हो सकता है. उसकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट होनी चाहिए.

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