नई दिल्ली. जिस एग पॉलिसी को उत्तर प्रदेश सरकार ने जनवरी 2023 में लागू किया और फिर तीन महीने के अंदर ही फैसले को पलट दिया, उससके कई नुकसान हैं. ऐसा कहना है यूपी के तमाम एग फॉर्मर्स का. नुकसान गिनाते हुए फॉर्मर्स का कहना है कि अब अंडा न तो एसी वैन से सप्लाई हो सकेगा न ही नए नियमों के तहत कोल्ड स्टोरेज में रखा जाएगा. हालांकि दूसरी ओर मत्स्य पालन-पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय नई दिल्ली ने जरूर इसके खिलाफ मिले पत्र को संज्ञान में लिया है कहा है कि न्यू एग पॉलिसी पर दोबारा से विचार करेंगे. कहा गया है कि पॉलिसी पर दोबारा से विचार करने के लिए पांच लोगों की कमेटी बनाई गई है.
वहीं न्यू एग पॉलिसी को लेकर पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि सरकार की इस पॉलिसी आम जनता तक फ्रेश अंडा पहुंचेगा. जिससे हम लोग रुपये कमाते हैं उन्हें अच्छा और फ्रेश अंडा उपलब्ध करवा पाएंगे. वहीं दूसरे राज्यों से यूपी में आने वाले कई-कई महीने के रखे अंडों पर भी रोक लगाई जा सकती है. क्योंकि महीनों पुराने अंडे यूपी के बाजार में भेज दिए जाते हैं. आरोप लगाया है कि ऐसा अंडों का दाम गिराने के लिए किया जा सकता है, जबकि पब्लिक को खराब अंडा खाना पड़ता है.
क्या है सप्लाई का नियम
गौरतलब है कि न्यू एग पॉलिसी में अंडे को पोल्ट्री फार्म से बाजार में पहुंचाने के लिए नियम बनाया गया था. न्यू पॉलिसी के हिसाब से यदि जिस गाड़ी पर अंडा लदा है यदि वो 150 किलोमीटर से दूर जाती है तो गाड़ी में ऐसी लगा होना चाहिए. जानकारों का कहना है कि यूपी के बाहर से जितनी गाड़ी आती हैं तो वो 200 किमी दूर से ही आती हैं. जबकि उसमें एसी नहीं होती है. वहीं यूपी के अंदर भी अगर आगरा से लखनऊ तक अंडे की गाड़ी जा रही है तो वो एसी होनी चाहिए. जबकि ऐसा नहीं हो रहा है.
बता दें कि यूपी सरकार की न्यू एग पॉलिसी 15 अप्रैल को लागू किया गया था. जबकि नियम के मुताबिक कोल्ड में अंडा रखने से पहले न मिटने वाली स्याही से अंडे पर उत्पादन की तारीख और जगह का नाम लिखा होना चाहिए. जबकि अंडा कोल्ड से निकालते वक्त भी उस दिन की तारीख की भी स्याही से यहा स्टिकर लगाने का नियम है. जबकि तब ये भी बताना होगा कि अंडा जब निकलता है तो कब तक एक्सपार होगा, उस डेट का भी मेंशन होना जरूरी है. क्योंकि एक बार कोल्ड से अंडा निकल गया तो ये सिर्फ तीन दिन तक इस्तेमाल हो सकता है.
न्यू एग पॉलिसी के मुताबिक जो नियम है, उससे अंडों को कोल्ड स्टोरेज में सब्जी और फलों के साथ नहीं रखा जाता है. कोल्ड में अंडे रखने के लिए अलग चैम्बर बनाने का नियम है. वहीं जब कभी भी अंडों को कोल्ड में रखा जाता है उस वक्त इस बात का ख्याल रखा जाता है कि अंडों पर मिनरल आयल या प्राथमिकता के आधार पर लिक्विड पैराफीन का स्प्रे किया जाए. वहीं अंडों को सिर्फ तीन महीने ही कोल्ड में रखना चाहिए. एक बार अगर कोल्ड से अंडे निकाल लिए गए तो दोबारा नहीं रखे जा सकते हैं. कोल्ड में जिस चैम्बर में अंडे रखे जाते हैं उसका तापमान चार से सात डिग्री होना चाहिए. जबकि आर्द्रता 75 से 80 होनी चाहिए.
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