नई दिल्ली. नकली और मिलावटी पनीर पर लगाम लगाने को लेकर FSSAI ने अप्रैल 2025 में नई गाइडलाइन जारी कर दी है. FSSAI का मानना है कि नई गाइडलाइन से नकली और मिलावटी पनीर बनाने वालों पर लगाम लगाई जा सकेगी. नए नियम को होटल और रेस्टोरेंट में लागू किया गया है. बताया जा रहा है कि अब नए नियम से यह पता लगाने में आसानी होगी कि पनीर असली है या नकली. दरअसल, ऐसे कई मामले आ चुके हैं, कि जब रेस्टोरेंट और होटल में आने वाले लोगों को मिलावटी पनीर खिलाया गया है, या ये कहा जाए कि कृत्रिम पनीर परोसा गया है. जिसको रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण FSSAI ने यह कदम उठाया है.
गौरतलब है कि नकली पनीर बनाने का मामला और उसे परोसने की की बात कोई नई नहीं है. यह मामला बहुत दिनों से चल रहा है. बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों, रोड किनारे ढाबों, लग्जरी रेस्टोरेंट और होटलों में भी नकली पनीर उपभोक्ताओं को खिलाई जाती है. ज्यादा कमाई करने की चाहत में नकली पनीर लोगों की प्लेटों में परोस दी जाती है. दरअसल पनीर से कई प्रोडक्ट बनते हैं, जिसकी वजह से होटल और रेस्टोरेंट में पनीर की खासी डिमांड रहती है.
नोटिस बोर्ड पर बताना होगा पनीर के बारे में
FSSAI के नए नियमों के मुताबिक रेस्टोरेंट और होटल के मालिकों को अन्य प्रकार के खाद्य व्यवसाय से जुड़े लोगों को इस बात की जानकारी मुहैया करानी होगी कि पनीर का निर्माण कैसे किया गया है. यदि पनीर दूध से बनाई गई होगी तो इस चीज को मेन्यू या होटल रेस्टोरेंट के अंदर एक नोटिस बोर्ड पर लिखकर बताना होगा कि जो पनीर ग्राहकों को परोसी जा रही है, वह दूध से बनाई गई है. वहीं पनीर यदि वनस्पति तेल या स्टार्च आदि से बनी है तो इसके बारे में भी जानकारी देनी होगी. अगर कोई ऐसा नहीं करता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी है.
उल्लंघन पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई
नकली पनीर की बढ़ती शिकायतों को लेकर FSSAI ने इस कदम को उठाया है. ऐसे होटल और रेस्टोरेंट को पहले टारगेट पर रखा गया है, जहां पहले कभी इस तरह की शिकायत आ चुकी है. वहीं सरकार ने आम जनता और स्टेक होल्डर से 60 दिनों में यानी जून 2025 तक सुझाव भी मांगे हैं, ताकि नौकरी पनीर को लेकर बनाई जा रही लेबलिंग नियमों को अंतिम रूप दिया जा सके. अगर आपके पास भी कोई सुझाव है तो दे सकते हैं. बता दें कि अगर कोई होटल या रेस्टोरेंट वाले इस नियम का उल्लंघन करते हैं तो उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है. वहीं इस तरह के मामलों पर नकेल लगाने के लिए एक खास टीम भी बनाई गई है. ताकि नकली पनीर के मामलों को पकड़ा जा सके.
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