नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद के टूंडला स्थित मदावली गोशाला में चिकित्सकों की लापरवाही के चलते 10 गोवंशों ने बीमारी की हालत में दम तोड़ दिया. अगर गोवंश को समय रहते से उपचार मिल जाता तो शायद उनकी जान बच सकती थी. मृत गोवंश का गोशाला में ही अंतिम संस्कार कर दिया. गोवंशों की मौत पर डीएम ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है और एनजीओ संचालक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
भीषण गर्मी ने पूरे जनजीवन को प्रभावित कर दिया है.लोगों से लेकर पशुओं तक परेशान हैं. लोग तो एसी, कूलर, पंखों में खुद को गर्मी से निजात दिला रहे हैं लेकिन पशुओं के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है. ऐसे में उत्तर प्रदेश की कई गोशालाओं में गोवंश हीटवेव का शिकार हो रहे हैं. गोवंश बीमार होने के अलावा मर भी रहे हैं. एटा जिले में जलेसर की कान्हा गोशाला में गोवंश हीटवेव का शिकार हो रहे हैं. जबकि कई की हालता बेहद गंभीर है या फिर कहा जा सकता है कि मरणासन्न हालात में पहुंच गए हैं. वहीं फिरोजाबाद के टूंडला स्थित मदावली गोशाला में चिकित्सकों की लापरवाही के चलते 10 गोवंशों ने बीमारी की हालत में दम तोड़ दिया.
चिकित्सक की लापरवाही बन रही गोवंशों की मौत का कारण
टूंडला के गांव मदावली में एक गोशाला संचालित हो रही है, जिसमें बड़ी संख्या में गोवश रहते हैं. नियम से हर सप्ताह पशु चिकित्सक को गोशाला पहुंच गोवंश की जांच करनी होती है. अगर कोई गोवंश बीमार है तो उसका उपचार भी करने की जिम्मेदारी उसकी है. इधर चिकित्सक लापरवाह हो गए हैं. गोवंश के बीमार होने पर गोशाला में बुलाने पर भी नहीं आते हैं. मदावली गोशाला में करीब 10 गोवंश बीमार हो गए थे, इसकी सूचना गोशाला संचालक ने स्थानीय पशु चिकित्सक को दी, लेकिन उन्होंने इलाज तो दूर अगली बार फोन करने से भी मना कर दिया. बीमार गोवंश की आंखों से खून टपकता रहा. गोवंश को समय से जब इलाज नहीं मिला तो एक-एक कर सभी ने दम तोड़ दिया. गोशाला संचालक ने सभी मृत गोवंश को गोशाला में ही दफन करा दिया.
गोवंशों के लिए नहीं था ठीक से खान-पान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश हैं कि सभी गोशाला में चारा, पानी,छाया के साथ ही चिकित्सा सेवा आवश्यक है. इसके बाद भी चिकित्सक मुख्यमंत्री के आदेश की धज्जियों उड़ा रहे हैं. यदि चिकित्सक अपनी जिम्मेदारी समझते तो मदावली में इतनी बड़ी संख्या में गोवंश की मौत नहीं होती.
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई: बीडीओ
खंड विकास अधिकारी टूंडला ने कहा कि गौशाला में गोवंश की मौत के मामले में जांच की जा रही है. जांच करने के बाद यदि कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाई कराई जाएगी. किसी भी दोषी को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा.
गोशाला में नहीं हैं गर्मी से बचाव के इंतजाम
एटा जिले में जलेसर की कान्हा गोशाला में गोवंश हीटवेव का शिकार हो रहे हैं. इसके साथ ही पांच से छह गोवंश मरणसन्न अवस्था में अंतिम सांस ले रहे है.गोशाला में पौष्टिक आहार के रूप में देने के लिए हरा चारा नहीं. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जलेसर की कान्हा गोशाला में पशुओं के लिए हरा चारा और ठंडे पानी की उचित व्यवस्था नहीं है. गर्मी से बचाने के लिए गोवंशों को ठंडे पानी से नहलाया भी नहीं जा रहा है. कुछ कूलर पंखा लगे हैं, लेकिन वह बिजली के न आने के कारण बंद पड़े हैं. गोवंशों के बैठने वाले टीनशेड में काली पालीथिन लगा दी गई है, जिससे लू रुक नहीं रही है और काली होने से कारण गर्मी से घुटन हो रही है. नगर पालिका ईओ का गोशाला की ओर ध्यान नहीं है. इस संबंध में पालिका ईओ को कई बार रिमांडर भी भेजे गए हैं. गोशाला में पांच से छह गोवंश मरणासन्न पड़े है, जिनका जलेसर के डिप्टी सीवीओ डॉ. नीरज शुक्ला की देख रेख में इलाज चल रहा है.
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