Home पशुपालन Sheep Farming: बेहतरीन क्वालिटी के ऊन के लिए होता है इस नस्ल की भेड़ का सबसे ज्याद पालन
पशुपालन

Sheep Farming: बेहतरीन क्वालिटी के ऊन के लिए होता है इस नस्ल की भेड़ का सबसे ज्याद पालन

bharat merino sheep
भारत मेरिनो भेड़ की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. भारत मेरिनो भेड़ को स्वदेशी चोकला और नाली भेड़ को रैमबौइलेट और मेरिनो मेढ़ों के साथ संकरण के जरिए विकसित की गई है. ये भेड़ महीन ऊन के लिए जानी और पहचानी जाती है. हालांकि इस नस्ल की भेड़ को मीट के लिए भी पसंद किया जाता है लेकिन इससे ज्यादातर महीन ऊन ही हासिल की जाती है. एक साल में चिकना ऊन उत्पादन 2.5 किलोग्राम तक होता है. जिसका फाइबर व्यास 19‑20 माइक्रोन होता है. मेडुलेशन एक प्रतिशत से कम है और मन्नावनूर में वार्षिक क्लिप में स्टेपल लंबाई 7‑8 सेमी है. वहीं भारत में मेरिनो भेड़ें कर्नाटक के कोलार जिले और तमिलनाडु में इरोड जिले के सत्यमंगलम और थलावाड़ी क्षेत्रों में वितरित की गईं.

45 किलो तक होता है वजन
कोलार जिले में भारत मेरिनो भेड़ का औसत शरीर का वजन 45 किलोग्राम और 32 किलोग्राम होता है. जो वयस्क नर और मादा के लिए क्रमानुसार 38-70 किलोग्राम और 28-40 किलोग्राम के बीच होता है. जन्म के समय मेमने का वजन 4.0 किलोग्राम होता और वजन 3.5-4.5 किलोग्राम के बीच तक रहता है. 3, 6 और 12 महीनों में वजन 18, 25 और 30 किलोग्राम तक वजन पहुंचा जाता है. इसलिए इसे मीट के लिए भी पाला जाने लगा है. इस नस्ल का सकारात्मक पक्ष यह है कि आपको झुंड के साथ जुड़ने और अपनी पसंद के अनुसार प्रशिक्षित करने का मौका मिलता है.

मुख्य रूप से आस्ट्रेलिया में पाई जाती है
मेरिनो भेड़ का जन्म स्थान स्पेन है, लेकिन ये मुख्य रूप से आस्ट्रेलिया में पाई जाती है. पेपिन मेरिनो विशेष रूप से क्वींसलैंड के भेड़ के झुंडों में, एनएसडब्ल्यू के ढलानों और मैदानों पर, विक्टोरिया के उत्तर और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के मिश्रित कृषि क्षेत्रों में प्रचलित है. ये बहुत ठंडी जलवायु के साथ-साथ न्यूजीलैंड की गर्मियों में आने वाली गर्म जलवायु का सामना करने में सक्षम होती है. इस नस्ल से दुनिया के 81 फीसदी अति उत्तम ऊन हासिल होता है. बताते चलें कि इन भेड़ों की 200 से अधिक नस्लें हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

जैसे बच्चा बाहर आ जाए, उसे पशु को चाटने देना चाहिए. जिससे उसके शरीर में लगा श्लेषमा सूख जाए. जरूरत हो तो साफ नरम तौलिया से बच्चे को साफ कर दीजिए.
पशुपालन

Animal Husbandry: गर्भ के समय कैसे करें पशुओं की देखभाल, जानिए एक्सपर्ट के टिप्स

जैसे बच्चा बाहर आ जाए, उसे पशु को चाटने देना चाहिए. जिससे...

सफेद कोट का रंग होता है. नर में चेहरे, गर्दन और पिछले पैरों पर लंबे बालों का गुच्छा होता है.
पशुपालन

Assam Hill Goat: असम की पहचान है ये पहाड़ी बकरी, जानिए इसकी खासियत और ये जरूरी बात

सफेद कोट का रंग होता है. नर में चेहरे, गर्दन और पिछले...

गंभीर दस्त से पीड़ित भैंस को अक्सर अंत शीला पोषण की आवश्यकता होती है. किसी अन्य जानवर के रुमेन ट्रांसपोर्टेशन उन जानवरों के लिए सहायक हो सकता है जिन्हें खाना नहीं दिया गया है. या जो अनाज की अधिकता जैसे विशाल अपमान का सामना कर रहे हैं.
पशुपालनसरकारी स्की‍म

Green Fodder: यूपी में पशुओं के लिए चारा उत्पादन बढ़ाने को सरकार चला रही है ये योजना

जो खेती योग्य भूमियों से भिन्न प्रकार की भूमियों में जैसे बंजर...