Home सरकारी स्की‍म Animal Husbandry: क्या है पशुधन बीमा योजना, किसानों को क्यों कराना चाहिए पशु का बीमा
सरकारी स्की‍म

Animal Husbandry: क्या है पशुधन बीमा योजना, किसानों को क्यों कराना चाहिए पशु का बीमा

Animal husbandry, heat, temperature, severe heat, cow shed, UP government, ponds, dried up ponds,
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. गांव में खेती के बाद पशुपालन प्रमुख व्यवसाय है. खेती के लिए जिस तरह से फसल बीमा योजना है. इसी तरह से पशुओं के लिए पशुधन बीमा योजना है. आजकल पशुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं. खासकर दुधारू पशु काफी महंगे बिकने लगे हैं. ऐसे में पशुओं को किसी तरह का नुकसान पहुंचता है तो किसान को भारी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पशुधन बीमा योजना शुरू की है. जिससे किसानों को फायदा पहुंचाया जा सके.

कौन कर सकता है दावा
पशुधन बीमा योजना के तहत सांप काटने, भूस्खलन, बाढ़ के चलते पशु की मौत होने पर बीमित पशु के नुकसान की भरपाई का दावा किया जा सकता है. इसी तरह से थनैला रोग की वजह से किसी पशु के चारों थन बेकार हो जाते हैं तो तब भी बीमित पशुओं के लिए दावा किया जा सकता है. केंद्र सरकार की ओर से इस योजना को साल 2005-06 में शुरू किया गया था.

सभी तरह के पशु हो सकते हैं बीमित
शुरुआत में चुनिंदा सौ जिलों में ही इसमें शामिल किया गया था. बाद में 2008 में 100 और जिलों को इसमें जोड़ दिया गया था. संकर किस्म की अधिक उत्पादन क्षमता वाले मवेशी और भैंस को इस योजना के अंतर्गत रखे गए थे. बाद में देसी, मवेशी और मिथुन को भी इसमें शामिल कर दिया गया था.

50 फीसदी की सब्सिडी
हालांकि कई राज्य दूसरे पशुओं के लिए भी बीमा की सुविधा उपलब्ध कराते हैं. कमाल की बात यह है कि केंद्र सरकार बीमा प्रीमियम पर 50 फीसदी की छूट देती है. इसका मतलब यह है आधा प्रीमियम पशुपालक को देना है और आधा सरकार को जमा करना होगा, लेकिन गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले पशुपालकों, अनुसूचित जाति, जनजाति और दूसरे कमजोर तबकों के लिए सब्सिडी ज्यादा है.

क्या है इस योजना का उद्देश्य
हर पशुपालक अधिकतम दो पशुओं पर 3 साल तक का बीमा कर सकता है. गोवा को छोड़कर सभी राज्यों में या योजना लागू है. इसको लागू करने की जिम्मेदारी राज्य पशुधन विभाग बोर्ड की है. इस योजना का मुख्य रूप से दो उद्देश्य है. पहला पशुओं की मृत्यु या रोग हो जाने से नुकसान की भरपाई करना, दूसरा पशुधन और उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना. बीमा कराने के बाद अगर कोई पशु को बेच देता तो बीमा पॉलिसी नए मालिक को स्थानांतरित करनी होगी.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

सहजन सिर्फ एक पेड़ एवं वनस्पति ही नहीं बल्कि अपनी पोषण एवं औषधीय खूबियों के कारण खुद में पॉवर हाउस जैसा है.
सरकारी स्की‍म

UP News: यूपी में शुरू हुआ वन महोत्सव, सहजन के पौधों को लगाने पर रहेगा, जाने इसकी वजह

जो सहजन के स्वास्थ्यवर्धक गुणों को रेखांकित करता है. सहजन की फली,...

सरकारी स्की‍म

Animal Husbandry: एक आइडिया आपको दिला सकता है 4 से 25 लाख रुपए की सरकारी मदद, पढ़ें डिटेल

बताया पिछले 6 सालों में 73 स्टार्टअप्स को केन्द्रीय कृषि एवं कृषि...

CIRB will double the meat production in buffaloes, know what is the research on which work is going on. livestockanimalnews animal Husbandry
सरकारी स्की‍म

Animal Husbandry: भैंस के साथ डेयरी फार्मिंग खोलें, सरकार की ओर से मिलेगी बड़ी मदद

पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तरह की स्कीम चलाती...

livestock animal news
सरकारी स्की‍म

Animal News: बाढ़ और प्राकृतिक आपदा से पशुओं की मौत पर आर्थिक मदद करेगी सरकार, पढ़ें डिटेल

बताते चलें कि इस योजना की तमाम जानकारियां विभागीय वेबसाईट (www.ahd.bih.nic.in) पर...