नई दिल्ली. एक तरफ भारत भेड़ और बकरी के मांस का सबसे बड़ा निर्यातक देश है, साल 2022-23 के आंकड़ों पर ही गौर किया जाए तो 537.8 करोड़ रुपए के मीट का निर्यात किया गया तो वहीं दूसरी ओर भारत में भी भेड़ और बकरी के मीट की खासी डिमांड है. जबकि यह मांग हर साल बढ़ती जा रही है. पिछले 5 साल के आंकड़ों पर गौर करेंगे तो भेड़ और बकरी के मीट की मांग में कई गुना इजाफा हुआ है. जिसका सीधा फायदा भेड़ बकरी पालन करने वालों को भी हुआ है. दरअसल, अवेयरनेस बढ़ रही है और भेड़ और बकरी के मीट के खाने वालों की तादाद में भी इजाफा हो रहा है.
डॉक्टर भी दिल के लिए बकरी के मीट को भीतर बताते हैंं. एक रिपोर्ट के मुताबिक बकरी के मीट में सैचुरेटेड फैट कम होता है जो अन्य रेड मीट के मुकाबले खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद करता है. इसके अलावा भारत में बकरी के मांस को सबसे ज्यादा टेस्टी भी बताया जाता है. जबकि भेड़ का मांस भी प्रोटीन के लिए बेहतर बताया जाता है और ये स्वादिष्ट भी होता है. भेड़ के मांस में महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज भी होते हैं जो एक संतुलित आहार के लिए बेहतर विकल्प है.
तेजी से बढ़ रही है मांग
अब बकरा मीट की बात की जाए तो साल 2018-19 में जहां 1097 मिलियन टन इसकी खपत थी. वही 2022-23 में यह बढ़कर 1413 मिलियन टन तक पहुंच गई है. वहीं 2018-19 में 97190 बकरे स्लाटिंग किए गए थे, जबकि यह संख्या 2022-23 में 123400 तक पहुंच गई है. भेड़ की मीट की बात की जाए तो 2018-19 में 677.99 मीट्रिक टन खपत हुई. जबकि 2022-23 में बढ़कर 1026.40 तक पहुंच गई. वहीं 2018-19 में 50863 काटी गई और यह संख्या 2022-23 में 73703.46 तक पहुंच गई.
यहां पढ़ें आंकड़े
बकरा मीट टन में
2018-19 1097.91
2019-20 1179.49
2020-21 1212.56
2021-22 1266.05
2022-23 1413.62
मीट के लिए काटे गए बकरों की संख्या
2018-19 97190.24
2019-20 103605.23
2020-21 106535.82
2021-22 111322.95
2022-23 123400.62
भेड़ का मीट टन में
2018-19 677.99
2019-20 769.21
2020-21 883.19
2021-22 960.10
2022-23 1026.40
भेड़ों की संख्या-
2018-19 50863.58
2019-20 56515.44
2020-21 65403.92
2021-22 69561.29
2022-23 73703.46
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