नई दिल्ली. हर किसी को हर रोज प्रोटीन की जरूरत होती है. इसे ऐसे समझें कि एक इंसान का वजन अगर 70 किलो है तो उसे दिन भर में 70 ग्राम प्रोटीन चाहिए. अगर सिर्फ इतना प्रोटीन नहीं मिलता तो कुछ दिक्कतें हो सकती हैं. बता दें कि सिर्फ दाल-रोटी खाने से इतना प्रोटीन हासिल नहीं किया जा सकता है. इसलिए जरूरी है कि अंडा और चिकन का इस्तेमाल किया जाए. पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया और पोल्ट्री एक्सपोर्ट काउंसिल की ओर से चलाए जा रहे हैं एक जागरुकता अभियान के तहत लोगों को अंडे और चिकन का सेवन करने के प्रति जागरूक किया गया है.
डाइटिशियन प्रतिभा दीक्षित ने बताया कि इस कार्यक्रम का मकसद देश के लोगों में प्रोटीन की कमी करने के लिए जागरूक करना है. वहीं पीएफआई के प्रेसिडेंट रनपा डहंडा कहते हैं कि शहरी लोगों को में प्रोटीन की कमी है और यह बात साबित हो चुकी है. देश में लोग 47 ग्राम प्रोटीन खा रहे हैं. जबकि जरूरत इससे कहीं ज्यादा की है. इसलिए जरूरी है कि लोगों में को जागरूक किया जाए और लोग अपनी सेहत के प्रति खुद जागरूक हों. प्रोटीन के सोर्स वाले खाद्य पदार्थों को का सेवन करें.
अंडे और चिकन में कितना है प्रोटीन
रनपाल डहंडा कहते हैं कि अंडा 6 से 7 रुपये में आसानी से हर मौसम में उपलब्ध हो जाता है. अगर अंडे में प्रोटीन की बात की जाए तो इसमें 13 ग्राम प्रोटीन होता है. अगर इतना ही पैसा खर्च किया जाए तो किसी और चीज में इतना ज्यादा प्रोटीन नहीं मिलेगा. जब इससे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें किसी भी तरह की कोई मिलावट भी नहीं होती है. अंडा हो या चिकन इसमें मिलावट नहीं की जा सकती है. जबकि 100 ग्राम चिकन 27 ग्राम प्रोटीन मिल जाता है.
एंटीबायोटिक दवाएं नहीं दी जाती
सोशल मीडिया पर चिकन और एंटीबायोटिक को लेकर तमाम तरह की अफवाहें तैरती रहती हैं. जैसे एंटीबायोटिक दवाई खिलाकर मुर्गे को कम वक्त में ज्यादा तैयार किया जाता है. वहीं यह भी दावा किया जाता है कि मुर्गों को ऐसे हार्मोन दिए जाते हैं. जिससे जल्दी बड़े हो जाते हैं और हेल्दी दिखने लगते हैं. जबकि वेटरनरी पोल्ट्री संगठन के प्रेसिडेंट डॉ. जितेंद्र वर्मा ने इस बात को को पूरी तरह नकारते हुए कहते हैं कि यह गलत तथ्य पेश किया जा रहा है. हार्मोन और एंटीबायोटिक इतने महंगे है कि अगर इसका इस्तेमाल पोल्ट्री कारोबारी करने लगे तो पोल्ट्री का रेट बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा. जबकि दो से तीन दिन एंटीबोटिक दवा के तौर पर मुर्गों को जाती है लेकिन इससे वजन नहीं बढ़ता है.
कम मात्रा लेकिन प्रोटीन ज्यादा
वहीं पोल्ट्री संगठन के वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर अजीत रानाडे कहते हैं कि इंसान कुछ भी खाने के लिए फ्री है, लेकिन जो खा सकते हैं उन्हें अपनी प्रोटीन की जरूरत उसे ज़ोर से करना चाहिए. अंडा और चिकन ऐसा प्रोडक्ट है जो कम मात्रा में होने के बाद भी ज्यादा प्रोटीन देता है. इसलिए इसके बारे में लोगों को सोचना चाहिए. ताकि उनकी सेहत ठीक रहे. पीएफआई कोषाध्यक्ष रिकी थापर ने पोल्ट्री प्रोडक्शन के बारे में बताया कि यह तेजी से बढ़ने वाला कारोबार है और देश में अंडे और चिकन की कोई कमी नहीं है. इससे जुड़कर लोग अच्छी इनकम हासिल कर सकते हैं.
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