Home डेयरी Milk Production: बिना फ्रिज में रखे भी दूध को खराब होने से बचाएं, अपनाएं ये देसी जुगाड़
डेयरी

Milk Production: बिना फ्रिज में रखे भी दूध को खराब होने से बचाएं, अपनाएं ये देसी जुगाड़

live stock animal news
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन के जरिए ग्रामीण इलाकों में बहुत से किसान अपनी आय को बढ़ा रहे हैं. आधा दर्जन से एक दर्जन भैंस को पालकर वो दूध बेचकर कमाई करते हैं. बहुत से किसान दूध को बड़ी डेयरी कंपनियों को भी बेचते हैं. अक्सर किसानों की ये समस्या रहती है कि दूध दुहने के बाद जल्दी खराब हो जाता है. खासतौर पर गर्मी में तो इसके मामले बहुत बढ़ जाते हैं. इसके चलते किसानों को नुकसान हो जाता है. क्योंकि जब दूध ही खराब हो जाएगा तो फिर उसने खराब दूध कौन खरीदेगा.

जिनके पास फ्रिज या डिफ्रीजर आदि होता है वो तो दूध को स्टोर कर लेते हैं लेकिन जिनके पास नहीं है, उनको दिक्कत होती है. हालांकि जब फ्रिज नहीं थी तब भी लोग दूध को लंबे वक्त तक के लिए बचा पाते थे. इसके लिए वो देशी जुगाड़ का इस्तेमाल करते थे. इसके जरिए दूध को खराब होने से बचाया जा सकता है और दूध में बैक्टीरिया आदि भी पड़ता है. अगर आप भी इस देशी जुगाड़ को जानना चाहते हैं तो फिर ये खबर आपके काम की है. इसके जरिए आप दूध को महफूज रख सकते हैं.

दूध को खराब होने से बचाने का तरीका
एक्सपर्ट के मुताबिक पशुओं को चारा, दाना, दुहाई के समय नहीं देना चाहिए, बल्कि पहले या बाद में देना चाहिए. दूध में मच्छर, मक्खियों का प्रवेश रोकना चाहिए. यदि दूध को लंबे समय तक रखना चाहिए. ठंडा करने से दूध में पाये जाने वाले बैक्टीरिया के इजाफे को रोका जा सकता है. दूध को गर्मियों में ठंडा करने के लिए गांवों में सबसे सरल तरीका यह कि घर में सबसे ठंडे स्थान पर जमीन में एक गड्डा खोद लें और उससे बालू बिछा दें. तथा उसे पानी से तर कर दें और उसके ऊपर दूध का बर्तन जिसका मुंह महीन साफ कपड़े से बंधा हो, उसमें रख दें. समय-समय पर गड्डे में पानी डालते रहें. ऐसा करने पर आप दूध को अधिक समय तक बिना खराब हुए रख सकते हैं. दूध को कभी बिना गर्म हुए प्रयोग में नहीं लाना चाहें. इस प्रकार से उत्पन्न दूध वास्तव में अमूल्य होता है लेकिन यही दूध अगर अस्वच्छ व असामान्य दशाओं में पैदा किया व रखा गया हो तो वही दूध हानिकारक हो जायेगा.

दूध के बर्तन से संबंधित सावधनियां क्या हैं
दूध दूहने का बर्तन साफ होना चाहिए. उसकी सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. दूध के बर्तन को पहले ठण्डे पानी में से फिर सोडा या अन्य जीवाणु नाशक रसायन से मिले गर्म पानी से फिर सोद खौलते हुए पानी से धोकर दूध में चूल्हे के ऊपर उल्टी रख कर सुखा लेना चाहिए. साफ किये हुए बर्तन पर मच्छर मक्खियों को नहीं बैठने देना चाहिए. तथा कुत्ता, बिल्ली उसे चाट न सके. दूध दूहने के बर्तन का मुहँ चौड़ा व सीचा आसमान में वाला नहि होना चाहिए. क्योंकि इससे मिट्टी, धूल, गोबर आदि के कारण व घास फूस के तिनके, बाल आदि सीधे दुहाई के समय बर्तन में गिर जायेंगे. इसलिए बर्तन सकेत मुहँ वाले हो तथा मुहँ टेढ़ा होना चाहिए.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

डेयरी

Dairy Goat: एंग्लो-न्युबियन बकरी की क्या है खासियत, कैसे करें इसका पालन, पालने के क्या हैं फायदे

अगर आप बकरी पालन करना चाहते हैं तो एंग्लो-न्युबियन बकरियां जो अपने...

अंजोरी बकरी दो साल के अंतराल में तीन बार बच्चे देती है. ये उसकी खासियत है.
डेयरी

Chhattisgarh Goats Breeds: छत्तीसगढ़ की पहचान है अंजोरी बकरी, जानें इसकी खासियत

अंजोरी बकरी दो साल के अंतराल में तीन बार बच्चे देती है....

यह एक छोटे आकार की लेकिन मजबूत नस्ल है. इन गायों का सिर चौड़ा होता है, जबकि माथा सपाट और सीधा होता है. कूबड़ आकार में छोटे से मध्यम आकार का होता है.
डेयरी

Native Breeds Of Cow: छत्तीसगढ़ की पहचान है कोसली गाय, दूध ऐसा जो दूर कर दें बीमारियां

यह एक छोटे आकार की लेकिन मजबूत नस्ल है. इन गायों का...

डेयरी

Badri Cow Ghee: ऐसे बनता है बद्री गाय के दूध का देसी घी

यहां पल रही गायों को खुली हवा में सांस लेने का मौका...