नई दिल्ली. गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना के अनुसंधान के अतिरिक्त निदेशक डॉ. आरएस सेठी को विज्ञान में की गई उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए सम्मान मिला है. डॉ. सेठी को इसके लिए राष्ट्रीय फेलोशिप से सम्मानित किया गया है. इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद वो बेहद ही खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि विज्ञान में किए गए उनके कार्यों को सराहा गया है और यही वजह है कि उन्हें राष्ट्रीय फेलोशिप से सम्मानित किया गया है. डॉ. सेठी के नाम इस क्षेत्र में काम करने के दौरान कई अचीवमेंट भी रहे हैं.
डॉ. सेठी को इम्यूनोलॉजी और बायो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रभाव के लिए भारतीय पशु चिकित्सा प्रतिरक्षा विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी समाज (ISVIB) द्वारा फेलो की प्रतिष्ठित उपाधि से सम्मानित किया गया है. बताते चलें कि ISVIB मुख्य रूप से सूक्ष्म जीव विज्ञान (Microbiology), जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology), निवारक चिकित्सा (Preventive Medicine), परजीवी विज्ञान (Parasitology), पशु प्रजनन (Animal Breeding), मछली पालन (Fishing) और संबंधित विषयों के पशु चिकित्सा वैज्ञानिकों का एक समूह है, जिसका उद्देश्य बायोलॉजिकल टेक्नोलॉजी के युग में पशु चिकित्सा प्रतिरक्षा विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देना है.
जानें क्यों मिलता है ये सम्मान
ISVIB द्वारा दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मानों में से एक यह फेलोशिप उन व्यक्तियों को दी जाती है, जिन्होंने पशु चिकित्सा प्रतिरक्षा विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है. यह सम्मान मद्रास पशु चिकित्सा महाविद्यालय, चेन्नई में आईएसवीआईबी के XXIX वार्षिक सम्मेलन और राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रदान किया गया. रिसर्च निदेशक डॉ. एके अरोड़ा ने डॉ. सेठी को बधाई दी और बताया कि डॉ. सेठी ने विश्वविद्यालय की अनुसंधान पहलों को आगे बढ़ाने, कई उच्च प्रभाव वाली राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं का नेतृत्व करने और अनुदान प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे संस्थान की रिसर्च क्षमता में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. कुलपति डॉ. जेपीएस गिल ने डॉ. सेठी को बधाई दी और रिसर्च के प्रति उनके समर्पण और दूरदर्शी दृष्टिकोण की सराहना की.
ये हैं डॉ. सेठी की उपलब्धियां
ISVIB द्वारा राष्ट्रीय फेलोशिप पाने वाले डॉ. सेठी ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं. उनकेे नाम कॉलेज ऑफ एनिमल बायोटेक्नोलॉजी, जीएडीवीएएसयू में पल्मोनरी इम्यूनोबायोलॉजी लैब की स्थापना और भैंस के फेफड़े में फुफ्फुसीय इंट्रावास्कुलर मैक्रोफेज की उपस्थिति की सूचना देने की की उपलब्धि है. इसके अलावा उन्होंने भैंस न्यूट्रोफिल में न्यूट्रोफिल एक्स्ट्रासेल्युअर ट्रैप (नेटोसिस) पर उपस्थिति पर पहली रिपोर्ट और जीएडीवीएएसयू में कोविड-19 परीक्षण सुविधा की स्थापना की. जिसे यूनिसेफ द्वारा उच्च थ्रू पुट प्रयोगशाला के रूप में मान्यता दी गई थी. यह भारत का एकमात्र पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय है, जिसने यह प्रतिष्ठा हासिल की है.
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