नई दिल्ली. पशुओं को कई बार बीमार पड़ने पर समय से इलाज नहीं मिल पाता है. इससे उनका उत्पादन घट जाता है और गंभीर मामलों में उनकी मौत हो जाती है. राजस्थान जैसे राज्य में बड़े-बड़े रेवड़ चलते हैं, बीमारी फैलने पर सभी जानवरों को अस्पताल ले जाना संभव नहीं होता है. इसकी को देखते हुए सरकार ने हुए राज्य में मोबाइल वेटरनरी वैन चलाने का ऐलान किया है. जिससे पशुशाला में ही पशुओं का इलाज मिल सके. इस बात का ऐलान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में भेड़-बकरी और खरगोश उद्यमियों के लिए राष्ट्रीय पशुधन योजना मिशन के तहत आयोजित एक दिवसीय वर्कशॉप के दौरान किया गया.
वहीं वर्कशॉप में पशुपालकों को कैसे इन पशुओं को पालकर इनकम बढ़ाई जाए, इसके बारे में एक्सपर्ट ने अहम जानकारी दी. इस दौरान राज्य मंत्री मछली पालन पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय भारत सरकार एसपी सिंह बघेल ने मौजूदा समय में परंपरागत खेती और पशुपालन की जगह उन्नत किस्म की खेती और पशुपालन को अपनाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी तभी होगी जब वो वैज्ञानिक तकनीकियों और नस्लों का चयन करके पशुपालन करेंगे.
रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा
उन्होंने गाय में भी सेक्स सॉर्टेड सीमेन के इस्तेमाल पर भी बल दिया, जिससे देश में दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, साथ ही आवारा गोवंश से मुक्ति मिलेगी. उन्होंने भारतीय वेटरनरी अनुसंधान संस्थान परिषद व भारतीय मछली अनुसंधान संस्थान परिषद की स्थापना की जरूरत पर जोर दिया. जिससे पशुपालन और मछली पालन में रिसर्च को बढ़ावा मिले और प्रगति को गति मिले. उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिको की साहराना करते हुई किसान का सच्चा सेवक बताया.
जल्द चलेगी 536 मोबाइल वेटरनरी वैन
राजस्थान के पशुपालन कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने भारत सरकार द्वारा राज्य को किये जा रहे सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि जल्दी हम केंद्र सरकार के सहयोग से 536 मोबाइल वेटरनरी वैन राज्य के पशुपालक के लिए जारी करेंगे. जिससे मोबाइल वेटरनरी चिकित्सा वैन किसान के द्वारा 1962 टोल फ्री कॉल पर टीम बीमार पशुशाला जाकर इलाज करेगी. उन्होंने मुख्यमंत्री गोवंश कार्ड के बारे में कहा कि अब राज्य के पशुपालकों को ब्याज मुक्त पैसा बैंक से मिलेगा. मंत्रियों ने बताया कि जल्दी ही पशुओ का बीमा पोर्टल की शुरुआत करके सभी पशुओं का बीमा किया जायेगा. जिससे किसानों के नुकसान कम किया जा सके.
ट्रेनिंग और रिसर्च सेंटर खोलने की वकालत
राजस्थान सरकार में मंत्री कन्हैया लाल चौधरी कहा कि इस संस्थान में क़ृषि और पशुपालन सम्बंधित प्रशिक्षण व शोध संस्थान खुलना चाहिए. जिससे यहां के लोगों को और भी सुविधा मिले. डॉ. राघवेन्द्र भट्ट उप-माहनिदेशक (पशुविज्ञान) ने भी कार्यशाला में उपस्थित लोगो को अविकानगर संस्थान व परिषद के अन्य संस्थान द्वारा किये जा रहे काम के बारे में बताया. कार्यशाला में निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर अविकानगर संस्थान एवं उनके क्षेत्रिय केंद्र द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के किसानों के लिए भेड़-बकरी एवं खरगोश पालन में किये जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला.
12 राज्यों से आए थे किसान
वहीं नोडल अधिकारी एससीएसपी स्कीम डॉ. अजय कुमार ने बताया कि एक दिवसीय कार्यशाला मे अनुसूचित जाति उपयोजना द्वारा 30 आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को सिरोही बकरी पालन इकाई के साथ पशुपालन के लिए जरूरी सामानों का वितरण किया गया. इस दौरान चयनित महिलाओं को सिलाई मशीन दी गई. कार्यशाला के अवसर पर संस्थान की प्रदर्शनी, इंडस हॉस्पिटल द्वारा मानव हेल्थ शिविर एवं पशुओं के लिए भी पशु परामर्श केंद्र का भी आयोजन किया गया. कार्यशाला मे 12 राज्यों से पधारे 500 से ज्यादा प्रतिभागी के साथ अनुसूचित जाति के 250 से ज्यादा किसान ने भाग लिया था.
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