नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग के लिए चाहे अंडे के लिए लेयर बर्ड पाली जाए या फिर चिकन के लिए ब्रॉयलर बर्ड दोनों ही तरह की फार्मिंग में सबसे ज्यादा खर्च फीड पर आता है और अगर अंडा और चिकन वक्त से सही दाम नहीं मिलता तो फीड पर खर्च और ज्यादा बढ़ जाता है. पोल्ट्री फार्मर्स की परेशानी यह है कि उन्हें हर हाल में मुर्गी मुर्गियों को फीड देना ही होता है. यही वजह है कि बहुत सारे पोल्ट्री फार्म सिर्फ इस वजह से बंद हो गए हैं कि फीड महंगी होने के नाते मुनाफा काम हो रहा है. या नुकसान हो जा रहा है. हालांकि पोल्ट्री फीड को घर पर ऐसे भी तैयार किया सकता है लेकिन इसके लिए जरूरी यह है कि उसको तैयार करने का तरीका आपको पता हो. यह सस्ता और अच्छा भी होता है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एथेनॉल उत्पादन में मक्का की बढ़ती खपत की वजह से पोल्ट्री सेक्टर में मुश्किलें पैदा हो गई हैं. दरअसल भारत का 34.60 मिलियन टन सालाना मक्का उत्पादन पोल्ट्री सेक्टर के साथ-साथ देश की खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पहले अपर्याप्त है. पोल्ट्री फीड में सबसे ज्यादा मक्का का इस्तेमाल होता है और आज मक्का का दाम तेजी से बढ़ता चला जा रहा है. महाराष्ट्र में तो मक्का का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य एसएसपी के मुकाबले दो गुना रेट पर पहुंच गया है. बताते चलें कि सोयाबीन भी पोल्ट्री फीड में मिलाया जाता है.
ऐसे तैयार कर सकते हैं पोल्ट्री फीड
1. हर दवा और पोल्ट्री सप्लीपमेंट बनाने वाली कंपनी की अलग-अलग उत्पाद की अलग-अलग डोज होती है. इसलिए निर्माताओं द्वारा बतायी डोज का पालन करना चाहिये.
2. पोल्ट्री फार्म पर प्री स्टार्टर फीड 400 ग्राम होने तक और स्टार्टर पोल्ट्री फीड 1200 ग्राम तक और फिनिशर पोल्ट्री फीड पक्षी के निकल जाने तक इस्तेमाल करते रहें.
3. पोल्ट्री फार्म पर हर तरह का स्टॉक एडवांस में होना बेहद ही जरूरी होता है.
4. हमेशा पोल्ट्री फीड और पोल्ट्री फीड में लगने वाले प्रोडक्ट सूखी जगह और धूप से दूर रखने चाहिये.
5. कुछ एंटी बायोटिक अन्य एंटी कोक्सीडियल से मिलकर रिएक्शन करते हैं. जैसे सेलेनोमाईसिन, मोनेनसिन, नेरेसिन जैसे एंटीकोक्सिडियल्स टॉयमुलीन के साथ रिएक्शन करती हैं. टायमूलिन का इस्ते माल बहुत सावधानी से करना चाहिये.
6. हमेशा ही बात का ख्याल रखें कि पोल्ट्री फीड को मिलाने के मिक्सर अच्छा हो.
7. फाईटेज एंजाइम की मात्रा 1.5 गुना तक बढ़ाएं. इससे भी अच्छे परिणाम मिलते हैं.
8. पोल्ट्री फीड की पिसाई अच्छे से करें. क्योंकि मोटे दाने बेहतर तरीके से नहीं पच पाते हैं.
9. पोल्ट्री फीड सही से मिलाना चाहिये. पोल्ट्री फीड में सभी उत्पाद और तेल पहले अलग से कुछ फीड में मिला लेने चाहियें, फिर उसे सारे फीड में मिलाना चाहिये.
10. पोल्ट्री फीड बनाते वक्त ये ध्यान रखें कि कोई भी सामान छूट न जाये.
11. पोल्ट्री फीड में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट की एक्सपायरी जरूर चेक कर लें.
12. हर प्रोडक्ट को प्रतिष्ठित कंपनी का खरीदना चाहिए.
13. एक तरह के फीड को दुसरे तरह के फीड पर शिफ्ट करने से पहले क्रम्ब्स फीड को मैश फीड के साथ 50-50 फीसद के अनुपात में मिला देना चाहिये. और कम से कम यही मिला हुआ फीड एक दिन देने के बाद ही दूसरी तरह के फीड पर शिफ्ट करना चाहिये.
14. सोयाबीन की खली, मक्का और तेल खरीदने से पहले गुणवत्ता की अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिये. सामान हर तरह के फंगस से मुक्त और सूखा होना चाहिये. खरीद करते वक्त सख्त पैमाने का उपयोग करना चाहिये. मक्का में नमी 14 प्रतिशत से कम और सोयाबीन की खली में लगभग 11 प्रतिशत तक ही बेहतर है.
15. कभी भी पोल्ट्री फार्म पर फीड इकट्ठा करने के लिये बोरियां किसी अन्य स्थान उपयोग हुई पुरानी नहीं खरीदनी चाहिये. हमेशा नई बोरिया ही खरीदें, ताकि किसी अन्य स्थान की बीमारी आपके पोल्ट्री फार्म पर ना आ जाये.
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