नई दिल्ली. नहाने का साबुन हमारी रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल है. ऐसा कौन है जो साबुन का इस्तेमाल नहीं करता है, लेकिन बाजार में मिलने वाले साबुनों में केमिकल का इस्तेमाल किया गया है, इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता है. कई केमिकल स्किन के लिए नुकसानदायक होते हैं लेकिन केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान सीआईआरजी ने एक ऐसा साबुन तैयार कर लिया है जो पूरी तरह से नेचुरल है. दरअसल, इस साबुन को बकरी दूध से बनाई छाछ से बनाया गया है. इस साबुक की तो वैसे कई खासियत है लेकिन ये स्किन को कोमल और मुलायम बनाने में मददगार साबित होगा.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान ने “व्हे वंडर्स बाथिंग बार” को बकरी के दूध से प्राप्त व्हे (छाछ) से तैयार किया है. यह साबुन त्वचा की सफाई करता है और उसे नमी प्रदान करता है, जिससे त्वचा को कोमल और मुलायम बनाए रखा जा सकता है. बकरी के व्हे में प्रोटीन, लैक्टिक एसिड, और खनिज होते हैं, जो त्वचा को पोषण देने, मृत कोशिकाओं को हटाने और उसे निखारने में सहायक होते हैं. व्हे में मौजूद अमीनो एसिड और बायोएक्टिव कंपाउंड त्वचा को हाइड्रेट करते है.
गांव के लोगों को मिलेगा इनकम का एक और जरिया
बता दें कि “व्हे वंडर्स बाथिंग बार” एक पूरी तरह से प्राकृतिक उत्पाद है. यह साबुन संवेदनशील त्वचा वाले व्यक्तियों के लिए भी उपयुक्त है. बकरी के व्हे से बने इस साबुन का उत्पादन पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह दूध उत्पादन के बाद बचे व्हे का उपयोग करता है, जिससे खाद्य अपशिष्ट को कम किया जा सकता है. इसके अलावा, यह स्वदेशी संसाधनों का उपयोग कर प्राकृतिक और टिकाऊ विकल्प प्रस्तुत करता है. संस्थान के निदेशक, डॉ. मनीष कुमार चैटली के मार्गदर्शन में, वैज्ञानिकों का यह प्रयास न केवल बकरी पालन और दुग्ध उत्पादों के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि यह ग्रामीण समुदायों के लिए स्थायी आजीविका के अवसर भी उत्पन्न करता है.
साबुन को बाजार में उतारने के लिए तैयार हैं हम
डॉ. मनीष कुमार ने बताया कि इस साबुन का निर्माण प्राकृतिक संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करते हुए पर्यावरण की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देता है. संस्थान द्वारा विकसित ‘व्हे वंडर्स बाथिंग बार’ तकनीकी व्यापारीकरण के लिए पूरी तरह तैयार है. हम सभी लघु उद्योगों को इस अभिनव उत्पाद को बाजार में उतारने के लिए आमंत्रित करते हैं, ताकि वे बकरी पालन और प्राकृतिक उत्पादों के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें.
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