नई दिल्ली. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए बेहद ही जरूरी है कि पशुओं की सेहत को सही रखा जाए. एक्सपर्ट कहते हैं कि जब पशुओं की सेहत खराब होती है तो इससे उत्पादन तो प्रभावित होता ही है, साथ ही कई मामलों में पशुओं की जान भी चली जाती है. इसके चलते पशुपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ जाता है. इसलिए ये बेहद ही जरूरी है कि पशुपालकों कि पशुओं की सेहत का ख्याल रखा जाए. जबकि ये तभी संभव होगा, जब पशुओं को बेहद स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. इसके बिना ये मुमकिन नहीं है.
गौरतलब है कि सरकार पशुपालन के काम को बढ़ावा दे रही है. ताकि किसानों की आमदनी दोगुनी भी हो जाए. उनके पास कृषि के अलावा भी काम हो जाए. इसके चलते पशुपालकों के लिए कई तरह की स्कीम और ढेर सारी सुविधाएं दी जाती हैं. वहीं सरकार पशुओं की सेहत का भी ख्याल रखना चाहती है. इसके लिए भी पशु अस्पतालों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है. वहीं राजस्थान सरकार ने भी इस दिशा में बेहद ही अहम काम किया है. जिससे राज्य में पशु की सेहत का ख्याल रखना आसान हो जाएगा. किसी भी बीमारी का इलाज हो सकेगा.
पशुपालकों को मिलेगा फायदा
दरअसल, राजस्थान सरकार की बजट घोषणा 2025-26 की क्रियान्विति के तहत पशुपालन विभाग द्वारा बुधवार को 28 जिलों के लिए 197 नए पशु चिकित्सा उपकेंद्रों के खोलने की स्वीकृति जारी कर दी गई है. ऐसा होने से पशुओं को गांव में ही इलाज मिल जाएगा. जिससे पशुपालन की लागत में कमी आएगी. इस संबंध में जानकारी देते हुए पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ आनंद सेजरा ने पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन संस्थाओं के माध्यम से अधिकाधिक पशुपालकों को लाभान्वित किया जा सकेगा.
इन जिलों में खोले जाएंगे पशु उपकेंद्र
उन्होंने आगे कहा कि इन नए पशु चिकित्सा उप केंद्रों के लिए नए अतिरिक्त पद सृजित किए जाने की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भी जारी की गई है. उन्होंने बताया कि बाड़मेर में 18, उदयपुर में 17, बीकानेर में 15, जोधपुर में 14, भीलवाड़ा में 13, चित्तौड़ में 11 तथा पाली में 10 स्थान सहित 28 जिलों के कुल 197 स्थानों पर ये नवीन पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोले गए हैं. डॉ. सेजरा ने बताया कि इन उपकेंद्रों पर पशुधन निरीक्षक और पशु परिचर के 394 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति भी जारी की गई है.
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