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Dairy Animal: इस खिचड़ी को खिलाकर खुल जाएंगी पशु के थन की ब्लॉक नसें, बढ़ जाएगा दूध उत्पादन

भदावरी भैंस अपने दूध में अधिक वसा के लिए मशहूर है. भदावरी भैंस यमुना और चंबल के दोआब में पाई जाती है.
प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. कई बार जब हम डेयरी फार्मिंग में भैंस को पालते हैं तो भैंस के थन की नस बंद हो जाती है. जिसकी वजह से भैंस को दूध उत्पादन करने में दिक्कत आती है. वहीं भैंस को इससे कई दिक्कतें भी होती हैं. क्योंकि दूध निकालना बेहद ही जरूरी होता है. अगर दूध न निकल जाए तो इससे भी पशु को दिक्कत आती है. इस समस्या का इलाज आप देसी तरीके से कर सकते हैं. जिसका इलाज आपके घर के आसपास मौजूद चौलाई नाम के पौधे में मौजूद है. इस खिचड़ी में कई चमत्कारी गुण होते हैं, जो इस तरह की समस्या से आपके पशु को राहत दे सकता है.

आपको बता दें कि चौलाई को रामदाना या राजगीर भी कहा जाता है. चौलाई के पौधे सीधे और करीब 80 सेंटीमीटर होते हैं. चौलाई के पत्ते भालाकार या आयातकार के होते हैं. इसके फूल हरे लाल बैगनी रंग के होते हैं. यह भी जान लें कि चौलाई की पत्तियां, जड़, फूल सभी में औषधि गुण होते हैं. जिस वजह से पशु की बीमारी को दूर करने में कारगर होता है. इसकी बुवाई रबी और खरीफ दोनों मौसमों में की जाती है. तो आइए जानते हैं कि चौलाई से कैसे पशुओं की नस बंद हो जाने की समस्या को दूर किया जा सकता है.

दूध उत्पादन बढ़ जाएगा
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि चौलाई खिलाने से भैंस की नस बंद होने की समस्या से निजात मिलेगी. बल्कि इससे दूध उत्पादन में बेहद बढ़ जाएगा और आपके दूध की बाल्टी भी इससे भर जाएगी. ये कहा जाए कि चौलाई हर तरह से फायदेमंद है तो गलत नहीं होगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चौलाई दो तरह की होती है. एक चौलाई कांटेदार होती है, जबकि दूसरे प्रकार में कांटा नहीं होता है. जिसकी हमारे घरों में सब्जी और कढ़ी बनती है. उस चौलाई को आपको लेना है. जिसे खिलाने से आपके पशुओं का राहत मिलेगी. हालां​कि इसे बनाने का भी एक तरीका है. इसे भी जानना बेहद ही जरूरी है.

इस तरह बनाएं खिचड़ी
इसे बनाने के लिए आपको एक किलो चौलाई और एक किलो चावल लेना है. फिर इसमें एक किलो लौह उर्द लेनी है. ये काले कलर का दिखता है.​ फिर इसे बनाने के लिए एक बर्तन में 3 लीटर पानी डालना है. इसके बाद पानी गर्म करना है. उसके अंदर एक किलो चौलाई, एक किलो चावल और एक किलो लौह उर्द डालकर इसकी खिचड़ी बना लें. जब ये बन जाए तो इसे पशुओं खिला सकते हैं. चाहे तो आप दलिया में डालकर भी से खिला सकते हैं. इसका टेस्ट बढ़ाने के लिए उसमें देसी खांड या गुड़ भी मिला सकते हैं. जिससे पशु तेजी से खाने लगेगा.

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