नई दिल्ली. क्या आप मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और बेरोजगार हैं तो यह खबर आपके लिए है. क्योंकि कोई खास स्किल न होने और सही ट्रेनिंग न मिलने की वजह से ऐसे बेरोजगारों को मध्य प्रदेश सरकार रोजगार दे रही है. दरअसल, राज्य में एक ऐसी स्कीम है, जिसकी वजह से युवाओं को रोजगार मिलता है. साथ ही बेरोजगारी भी दूर होती है. राज्य सरकार की तरफ से एक गौ सेवक प्रशिक्षण योजना चलाई जा रही है. जिसके तहत सरकार उन्हें पशु चिकित्सक वेटरनरी के तौर पर ट्रेनिंग देकर रोजगार मुहैया कराती है.
इस स्कीम की मदद से युवा जिनके पास गाय है या वो गौ सेवा करना चाहते हैं तो इसमें हाथ आजमा सकते हैं. ऐसे होने से गोवंश को उचित समय में उपचार की सुविधा देने का भी सरकार का मकसद पूरा हो जाएगा. इस योजना की शुरुआत साल 2001 में की गई थी. तब उस समय 1137 गौ सेवकों की तरह से पशु चिकित्सा का काम शुरू किया था. वही जून 2023 में मध्य प्रदेश में बनी नई सरकार ने करीब 1 लाख युवाओं को इस योजना के साथ ट्रेनिंग देने का लक्ष्य किया है.
कितना पैसा मिलेगा
इस योजना को मध्य प्रदेश सरकार की पशुपालन डेयरी विभाग की तरह से संचालित किया जाता है. ट्रेनिंग के बाद प्रशिक्षित युवा को गांव में पशुओं का प्रारंभिक चिकित्सा की सुविधा प्रदान कर रोजगार शुरू कर सकते हैं. इससे पशुओं को सही समय पर प्रारंभिक इलाज भी मिल जाता है. ट्रेनिंग के दौरान जिन युवाओं का चयन होता है, उन्हें हर महीने 1000 रुपये का स्टाइपेंड दिया जाता है. साथी युवाओं को 1200 की एक किट भी दी जाती है.
कौन कर सकता है आवेदन
मध्य प्रदेश गौ सेवा प्रशिक्षण योजना के तहत युवाओं को सिर्फ 6 महीने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है. 6 महीने बाद लाभार्थी फिर से ट्रेनिंग के लिए अप्लाई कर सकते हैं. फ्रेशर लाभार्थी का चयन अनुभव के आधार पर किया जाता है. मध्य प्रदेश गो सेवा प्रशिक्षण योजना में दसवीं पास और 18 वर्ष से 35 वर्ष के युवा आवेदन कर सकते हैं. जैसा की योजना के नाम से पता चल रहा है कि प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को गो सेवक कहा जाएगा.
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