नई दिल्ली. अगर पशुपालन कर रहें चाहे दूध उत्पादन के लिए या फिर मीट के लिए तो ये जरूरी है कि पशुओं को उनकी जरूरत के मुताबिक पोषक तत्व दें. एक्सपर्ट कहते हैं कि इंसानों की तरह ही पशुधन जानवरों को सभी आवश्यक पोषक तत्व, तरल पदार्थ, खनिज और विटामिन वाले संतुलित आहार की जरूरत होती है. जरूरी पोषण आपके पशुओं को बढ़ने, विकसित होने और प्रजनन करने की ताकत देता है और संक्रमण से लड़ने के लिए मजबूत प्रतिरक्षा प्रदान करता है. इस वजह से आपका पशु आपके लिए फायदेमंद होता है.
पशुधन उत्पादन में उचित पोषण के रोल को कम करके नहीं आंक सकते हैं. आपके पशुपालन की कामयाबी इस बात पर बहुत हद तक निर्भर करती है कि आप अपने जानवरों को कैसा और क्या खिलाते हैं. कैसे संभालते हैं और उनकी देखभाल कैसे करते हैं. ध्यान रखें कि जानवर इस बात के लिए ज्यादा संवेदनशील होते हैं कि वे क्या खाते हैं और कैसे खाते हैं. इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप अपने पशुओं को हर आवश्यक पोषक तत्व, सही मात्रा में और उचित समय पर दें.
कुपोषण और बीमारियों को रोकें
पोषण संबंधी सैकड़ों बीमारियां हैं जो पशुधन पशुओं को प्रभावित करती हैं. इनमें से अधिकतर बीमारियां या तो कुपोषण या खनिज और विटामिन की कमी के कारण ही होती हैं. कमियां और कुपोषण पशुओं की वृद्धि, विकास और उत्पादन को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं. कुछ मामलों में बीमारियों के कारण पशुओं की मौत तक हो जाती है. अगर पशुओं की मौत हो जाती है तो एक झटके में ही लाख रुपये के नुकसान में पशुपालक आ जाते हैं. देखा जाए तो आधुनिक कृषि तकनीकों के कारण पोषण संबंधी बीमारियां एक समस्या का रूप ले चुकी हैं. दरअसल, अधिकांश जानवर विशेष रूप से अधिकतम उपज के लिए डिज़ाइन किए गए सांद्रण पर भोजन करते हैं, इसलिए उनमें कुछ आवश्यक खनिज और विटामिन की कमी हो सकती है.
इस वजह से मिलता है अच्छा प्रोडक्शन
अपने पशुओं के चारे को उच्च मूल्य वाले पूरकों जैसे बी 12 सप्लीमेंट्स और विभिन्न माइक्रो और माएक्रो मिनिरल्स वाले नमक-आधारित चीजें दें उदाहरण के लिए, मवेशियों में स्तनपान और वृद्धि की उच्च ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए बी12 आवश्यक है. सामान्य तौर पर, उचित पोषण पशुधन में अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, जिसके चलते हाई प्रोडक्शन मिलता है. हेल्थ, अच्छी तरह से पोषित मवेशी और मुर्गी अधिक दूध, मांस और अंडे का उत्पादन करेंगे. गौरतलब है कि पिछले लगभग एक दशक में, खाद्य उत्पाद की गुणवत्ता के प्रति उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं में भारी बदलाव आया है. टिकाऊ तरीकों से खेती की जाने वाली कृषि उपज की मांग बढ़ रही है. ये जरूरी है कि जानवरों को उनके उत्पादन में सुधार के लिए हानिकारक पदार्थों को खिलाने से बचना चाहिए.
Leave a comment