नई दिल्ली. पशुपालन में ज्यादा कमाई करने के लिए सबसे जरूरी काम ये कि पशुओं को बीमारियों से बचाया जाए. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि बीमारियों से पशुओं को तभी बचाया जा सकता है, जब पशुपालकों को ये पता हो कि बीमारी से बचाने केे लिए क्या किया जाए. पशुओं को बीमारियो से बचाने समेत तमाम जरूरी विषयों पर निदेशालय प्रसार शिक्षा, राजुवास बीकानेर एवं निदेशालय गोपालन, राजस्थान, जयपुर की ओर से गाय पालकों के लिए तीन दिनी ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया था, जहां गाय पालकों को तमाम अहम जानकारी से रूबरू कराया गया. गाय पालकों को एनिमल एक्सपर्ट ने बीमारियों से बचाने के टिप्स दिए.
निदेशालय प्रसार शिक्षा, राजुवास बीकानेर एवं निदेशालय गोपालन, राजस्थान, जयपुर की ओर से पंजीकृत गौशालाओं के प्रबंधकों और डेयरी संचालकों को इस तीन दिनी ट्रेनिंग प्रोग्राम में बुलाया गया था. शुक्रवार को ट्रेनिंग प्रोग्राम का समापन किया गया, इससे पहले रजिस्टर्ड गौशालाओं के मैनेजरों को जहां टिप्स दी गई तो वहीं उनकी हर शंका को दूर करने का भी काम किया गया.
इस तरह बीमारियों से बचाया जा सकता है
ट्रेनिंग प्रोग्राम में बतौर चीफ गेस्ट आए गौ ग्राम सेवा संघ के प्रदेशा अध्यक्ष सूरजमल जी निमराना ने कहा कि गौ संरक्षण और संवर्धन में अच्छी नस्ल के जर्मप्लाम से कृत्रिम गर्भाधान का महत्व बेहद ही जरूरी है. इसलिए राजस्थान की तमाम देशी नस्लों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए पशु चिकित्सालयों में सीमन की उपलब्धता होना बहुत भी जरूरी है. गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए गोचर संरक्षण के कार्य को भी सरकार को प्राथमिकता देनी होगी. तभी इससे फायदा होगा. वहीं निदेशक क्लिनिक डॉ. प्रवीण कुमार बिश्नोई ने कहा कि गौशालाओं के लगातार सुचारू संचालन के लिए उनका स्वावलंबी होना बहुत जरूरी है. गौवंश के स्वच्छ और संतुलित खान-पान तथा उचित प्रबन्धन से उनकों विभिन्न बीमारीयों से बचा सकते है तथा उत्पादन स्तर में भी बढ़ोत्तरी की जा सकती है.
इन विषयों पर एक्सपर्ट ने रखी अपनी बात
ट्रेनिंग प्रोग्राम के कोआर्डिनेटर डॉ. देवीसिंह ने बताया कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में संभाग के बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों के 35 गौशाला संचालक एवं प्रबंधक ने प्रशिक्षण हासिल किया है. एक्सपर्ट द्वारा उन्नत गौशाला प्रबंधन, देशी गोवंश एवं संरक्षण, देशी गोवंश स्वच्छता एवं आवास प्रबंधन, संतुलित आहार, वर्ष भर हरा चारा, वर्मी कम्पोस्ट, गोबर का मूल्य संवर्धन राज्य सरकार की डेयरी फार्म योजनाएं, गौ नस्ल सुधार, पंचगव्य का महत्व आदि विषयों पर व्याख्यान के साथ-साथ आदर्श गौशाला एवं डेयरी भ्रमण करवाया गया. ट्रेनिंग प्रोग्राम के को-कोआर्डिनेटर डॉ. संजय सिंह ने ट्रेनिंग प्रोग्राम का संचालन किया. ट्रेनिंग के बाद सभी को सर्टिफिकेट भी दिया गया.
Leave a comment