नई दिल्ली. भेड़ पालन भी एक अच्छा और मुनाफे का कारोबार है. भेड़ पालन करके भेड़ पालक भेड़ से ऊन प्राप्त करता है और मांस भी हासिल करता है. इन दोनों ही तरह से भेड़ पालन करके कमाई की जा सकती है. भेड़ की खासियत यह भी है कि कृषि आरोग्य भूमि में चरती है. कई खरपतवार आदि अनावश्यक घासो का उपयोग करती है. तथा ऊंचाई पर स्थित चारागाह जो कि अन्य पशुओं के लिए अयोग्य होते हैं उसका उपयोग करती है. भेड़ पालक भेड़ से प्रतिवर्ष मेमने प्राप्त करते हैं. इससे भी उन्हें अच्छी खासी कमाई होती है.
क्या है गैरोल की पहचान
भेड़ की कई नस्लें हैं, जिसमें से इस आर्टिकल में हम गैरोल भेड़ की बात कर रहे हैं. ये भेड़ की नस्ल पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र में पाई जाती हैं. बताया जाता है कि इन भेड़ों ने बूरूला मेरिनो भेड़ की समृद्धि में योगदान दिया है. सुंदरबन क्षेत्र में भेड़ों की आबादी लगभग 0.16 मिलियन है. इस नस्ल की भेड को़ गर्म मौसम में रहने में कोई दिक्कत नहीं आती है. गैरोल के वूल मोटे कालीन के उपयोग के लिए हैं. गैरोल की पहचान की बात की जाए तो यह मांस प्रकार का जानवर हल्के भूरे रंग की मोटे बनावट वाले कोट के साथ छोटे कद का होता है. इसके मोटे ऊन अच्छी गुणवत्ता वाली त्वचा और कम वसा वाला मटन पैदा करता है.
आय का बेहतर जरिया हैं
इस नस्ल को आम तौर पर इसके मूल क्षेत्र में सीमांत किसानों और भूमिहीन मजदूरों द्वारा पाला जाता है. झुंड स्थिर होते हैं और औसत झुंड का आकार पांच से सात तक होता है. इसका वजन 10 से 14 किलोग्राम के बीच होता है. इस नस्ल में जुड़वां और तीन बच्चों का जन्म बहुत आम सी बात है. अपनी उच्च उर्वरता और कम गुणवत्ता वाले चारे और कृषि.उपोत्पादों पर पनपने की क्षमता के कारण ये जानवर अपने मालिकों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत हैं.
बहुत महंगा बिकता है बाल
जैसा कि पहले भी बताया गया है कि भेड़ से दो तरह से फायदा उठाया जा सकता है इसके वूल और मीट को बेचकर. मटन के लिए भेड़ का इस्तेमाल आमतौर पर तब किया जाता है जब 2 से 3 साल के बीच की होती है. इसका मीट भी स्वाद में अच्छा होता है. आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि लेकिन ये सच है कि भेड़ के बाल 100.200 रुपये प्रति किलो में नहीं बल्कि 25 से 30 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से भी बिकते हैं.
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