नई दिल्ली. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को पटना में बिहार क्लाइमेट एक्शन कॉन्क्लेव का उद्घाटन करेंगे, जहां वे “Climate Resilient and Low Carbon Development Pathway for Bihar,” को प्रस्तुत करेंगे. यह देश के किसी भी राज्य द्वारा विकसित की गई पहली ऐसी दीर्घकालिक रणनीति होगी. इस मौके पर मुख्यमंत्री पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग से 100 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का भी शुभारंभ करेंगे, जिसमें पटना में भारत और एशिया का पहला डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र भी शामिल है. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के सभी 543 ब्लॉक कार्यालयों में स्थापित वायु गुणवत्ता निगरानी सेंसर के लिए एक एकीकृत डैशबोर्ड का भी अनावरण करेंगे. पूर्णिया और भागलपुर में बीएसपीसीबी के क्षेत्रीय कार्यालयों का उद्घाटन भी होगा.
कान्क्लेव में होंगे छह सत्र
सचिव बंदना प्रेयषी के अनुसार बिहार क्लाइमेट एक्शन कॉन्क्लेव में कुल छह सत्र होंगे. इस कान्क्लेव का मकसद बिहार के लिए अनुकूलित जलवायु रणनीतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए विशेषज्ञों, हितधारकों, नीति निर्माताओं और चिकित्सकों को बुलाना है. इस दौरान होने वाली चर्चा में नवीन जलवायु वित्त तंत्र का पता लगाया जाएगा. नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की क्षमता का आकलन किया जाएगा और राज्य में जलवायु शमन और तैयारियों के लिए दृष्टिकोण तैयार किया जाएगा.
दूसरे प्रदेशों के भी अधिकारी होंगे शामिल
डब्ल्यूआरआई इंडिया, यूएनईपी और शक्ति सस्टेनेबल ऊर्जा फाउंडेशन के सहयोग से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित सम्मेलन में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के साथ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री प्रेम कुमार, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव, सुजीत कुमार बाजपेयी और असम के मुख्य सचिव रविशंकर प्रसाद सहित केंद्र और कई राज्य सरकारों केअधिकारी भी भाग लेने आए हैं.
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